यमुना प्राधिकरण तय करेगा फॉर्मूला वन रेस ट्रैक का भविष्य, कभी देश में रोमांचक खेलों का जुड़ा था नया अध्याय
यमुना प्राधिकरण बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (फॉर्मूला वन रेस ट्रैक) के भविष्य का फैसला करेगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद जेपी समूह के विशेष विकसित जोन (एसडीजेड) का आवंटन रद्द होने के बाद फॉर्मूला वन रेस ट्रैक भी प्राधिकरण के अधिकार में आ गया है। हजारों करोड़ की लागत से बने ट्रैक पर आयोजन न होने के कारण इसकी स्थिति खराब हो रही है।
अरविंद मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (फार्मूला वन रेस ट्रैक) का भविष्य तय करेगा। जेपी समूह के विशेष विकसित जोन (एसडीजेड) का रद हुए आवंटन को इलाहाबाद हाई कोर्ट से सही ठहराए जाने के बाद फार्मूला वन रेस ट्रैक भी प्राधिकरण के अधिकार में आ गया है। इसके साथ ही एसडीजेड में बने क्रिकेट स्टेडियम के संचालन को लेकर भी प्राधिकरण निर्णय लेगा। हजारों करोड़ की लागत से बने ट्रैक पर आयोजन न होने के कारण इसकी स्थिति लगातार खराब हो रही है।
देश में रोमांचक खेलाें का नया अध्याय शुरू करने में फार्मूला वन रेस ट्रैक ने अहम भूमिका निभाई थी। 2000 कराेड़ रुपये की लागत से 250 एकड़ में एसडीजेड में 5.13 किमी लंबा फार्मूला वन रेस ट्रैक तैयार किया गया था। 14 स्टैंड में 1.20 लाख दर्शक क्षमता वाले फार्मूला वन रेस ट्रैक का 2011 में उद्घाटन के साथ पहली बार फार्मूला वन रेस का आयोजन हुआ।
2023 में मोटो जीपी बाइक रेस का हुआ था आयोजन
इसका रोमांच देखने के लिए देशभर से हजारों दर्शकों के साथ नेता, अभिनेताओं का जमघट लगा। 2013 तक ट्रैक पर फार्मूला वन कारों का रोमांच कायम रहा, लेकिन बाद में इसे कैलेंडर से हटा दिया गया। वर्षों तक फार्मूला वन रेस ट्रैक छोटे व स्थानीय आयोजन का स्थल बनकर रह गया, लेकिन 2023 में एक बार फिर फार्मूला वन रेस ट्रैक पर रोमांच मोटो जीपी बाइक रेस के साथ लौटा।
आयोजन पर करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये हुए खर्च
प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए 18 करोड़ रुपये देने के साथ देश विदेश में इसका जमकर प्रचार किया। आयोजन पर करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च हुए। लेकिन देश में पहली बार आयोजित हुई मोटो जीपी बाइक रेस लोगों में फार्मूला वन रेस जैसा उत्साह नहीं पैदा कर पाई। विवादों में फंसने के कारण 2024 में इसका आयोजन नहीं हुआ और एक बार फिर फार्मूला वन रेस ट्रैक पर रेस का शोर शांत हो गया।
क्रिकेट स्टेडियम का भविष्य भी यमुना प्राधिकरण के हाथ में
प्राधिकरण ने क्रिकेट स्टेडियम को बीसीसीआई को देने के प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास फलीभूत नहीं हुए। अब फार्मूला वन रेस ट्रैक व क्रिकेट स्टेडियम का भविष्य यमुना प्राधिकरण के हाथ में है। संचालन के लिए प्राधिकरण इसे निश्चित अवधि के लिए किसी संस्था को सौंप सकता है।
यीडा ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि हाई कोर्ट के फैसले का अभी विधिक अध्ययन हो रहा है। विधिक सलाहकार एजेंसी फैसले के अध्ययन के बाद अपनी सुझाव के साथ रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर प्राधिकरण आगे कदम उठाएगा।
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