Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    FNG Expressway: नोएडा-गाजियाबाद से फरीदाबाद जाना होगा आसान, यात्रा में बचेंगे 40 मिनट; गुरुग्राम जाने का भी मिलेगा ऑप्शन

    Updated: Tue, 15 Apr 2025 09:55 AM (IST)

    Faridabad Noida Ghaziabad Expressway नोएडा और गाजियाबाद से फरीदाबाद आना-जाना जल्द ही बेहद आसान हो जाएगा। नोएडा प्राधिकरण और फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच लंबे समय से लंबित फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेसवे को पूरा करने के लिए सहमति बन गई है। FNG Expressway से तीन शहरों के बीच यात्रा करने का समय 40 मिनट तक कम हो जाएगा।

    Hero Image
    एफएनजी एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी मजबूत होगी। (प्रतीकात्मक फोटो साभार: ANI)

    कुंदन तिवारी, नोएडा। FNG Expressway Update : फरीदाबाद नोएडा गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेसवे पर दोबारा से जल्द काम शुरू होगा। इसको लेकर हाल ही में नोएडा प्राधिकरण और पीडल्यूडी हरियाणा के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें बताया गया कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से इस एक्सप्रेसवे की परियोजना के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोएडा से फरीदाबाद को जोड़ने के लिए कहां तक बनेगा पुल?

    एक्सप्रेसवे की नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में तीन अलांइमेंट (मार्ग) तैयार किए गए हैं। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय द्वारा मंजूरी देने के बाद एक पर काम शुरू किया जाएगा। अब नोएडा से फरीदाबाद को जोड़ने के लिए यमुना पर करीब 600 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। यह पुल नोएडा के मंगरोली गांव से फरीदाबाद के लालपुर तक जाएगा। इसके आगे फरीदाबाद अपनी एप्रोच रोड बनाएगा।

    पुल बनाने में कितना होगा खर्च?

    पुल के निर्माण में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसका वहन नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा सरकार 50-50 प्रतिशत करेगी। साथ ही दोनों ओर की एप्रोच रोड अपने-अपने खर्चे पर तैयार की जाएगी। इसका अधिकारिक पत्र फरीदाबाद मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से नोएडा प्राधिकरण को प्राप्त हो गया है, जिसमें कहा गया है कि वर्ष के अंत तक परियोजना पर पूरी तरह से काम शुरू कर दिया जाएगा।

    प्रतीकात्मक फोटो।

    एनएचएआई से चल रही बातचीत अधिकारियों ने बताया कि एफएनजी नोएडा के छिजारसी से शुरू होकर मंगरौली तक जाएगी। छिजारसी के पीछे एनएच-9 पर एलिवेटेड लूप बनाकर इसे गाजियाबाद से जोड़ा जाएगा। इसको लेकर एनएचएआई से बातचीत की जाएगी।

    बनेगा 650 मीटर का एलिवेटेड ट्रैक

    छिजारसी कट से आगे 650 मीटर का एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। यह एलिवेटड छिजारसी से बहलोलपुर अंडरपास के पास तक होगी। इसके बनाने में 700 करोड़ का खर्च आएगा। 11 साल पहले इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की बात हुई थी।

    एलिवेटेड को छिजारसी गांव के ऊपर से निकाला जाएगा जिससे नीचे की आबादी को दिक्कत नहीं होगी। इसके आगे 14.610 के किमी पर एक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित है। यह रोड 5.65 किमी की होगी।

    एक्सप्रेसवे के 17 किमी हिस्से का 70 प्रतिशत काम पूरा

    यह रोड हरनंदी के पुश्ता से होकर दादरी सूरजपुर छलेरा (डीएससी) रोड के ऊपर से जाएगी। इसके बाद नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर एक अंडरपास बनेगा। एक्सप्रेसवे का करीब 17 किमी हिस्से का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है।

    कहां से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे?

    यह एक्सप्रेसवे छिजारसी से नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को पार करता हुआ यमुना तक करीब 23 किमी का है। एक्सप्रेसवे गाजियाबाद के एनएच-24 को नोएडा के छिजारसी, बहलोलपुर, सोहरखा, सेक्टर 112, 140, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, सेक्टर-168 होकर फरीदाबाद के गांव लालपुर में आकर निकलेगा। यह पहला एक्सप्रेसवे होगा जो तीन एनसीआर के तीन बड़े शहरों को सीधे जोड़ेगा।

    प्रोजेक्ट की क्या है विशेषता?

    एक्सप्रेसवे पूरा बनने के बाद गाजियाबाद से फरीदाबाद जाने के लिए दिल्ली नहीं जाना होगा।

    गाजियाबाद और नोएडा से न केवल फरीदाबाद जाना आसान होगा, बल्कि गुरुग्राम जाने का नया विकल्प मिलेगा।

    एफएनजी एक्सप्रेस-वे नोएडा, ग्रेनो वेस्ट, ग्रेटर फरीदाबाद के लिहाज से लाइफलाइन से कम नहीं होगा।

    इससे कालिंदी कुंज, नोएडा के मास्टर प्लान सड़क पर ट्रैफिक भार होगा कम।

    फरीदाबाद सरकारी निकाय परियोजना लागत साझा करने को तैयार

    एफएनजी एक्सप्रेसवे को मूर्ति रूप देने के लिए वर्ष 1989 में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को प्रस्ताव दिया था, ताकि तीन शहरों के बीच यात्रा करने वालों को दिल्ली में प्रवेश से रोका जा सके और जाम से बचाया जा सके, लेकिन 27 वर्ष से परियोजना कछुए की गति से चल रही थी।

    उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच समन्वय की कमी, अनसुलझे फंडिंग मुद्दों, विशेष रूप से यमुना पुल को देरी का कारण मनाया गया, लेकिन 29 जनवरी 2023 को नोएडा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की ओर से जारी निर्देशों के बाद सड़कों पर दबाव कम करने के लिए परियोजना को पुनर्जीवित करने और इसमें तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया था।