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    Noida Flood: जेवर में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी, लोगों को डूब क्षेत्र में न जाने की सलाह

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:15 AM (IST)

    यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जेवर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने यमुना किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

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    हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के बाद झुप्पा पुल पर उफनती यमुना का दृश्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, जेवर। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी वर्षा का असर मैदानी इलाकों में दिखना शुरू हो गया है। हथिनी कुुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से यमुना नदी उफान पर बह रही है। सोमवार को प्रशासन की तरफ से जारी किए गए अलर्ट के बाद यमुना किनारे बसे गांव के लोगो की नींद उड़ गई है।

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    सोमवार सुबह से हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी लगातार छोड़े जाने से जेवर क्षेत्र में बाढ़ आना तय माना जा रहा है। बैराज से सोमवार को छोड़ा गया पानी मंगलवार रात तक जेवर पहुंचेगा। प्रशासन ने डूब क्षेत्र में निवास करने वाले सभी लोगों को डूब क्षेत्र को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

    बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए सोमवार शाम उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह ने झुप्पा, शमशमनगर, गोविंदगढ़, कानीगढ़ी के अलावा रबूपुरा के महेंदीपुर खादर उर्फ चंडीगढ़ का दौरा किया। उपजिलाधिकारी ने लोगों से डूब क्षेत्र में न जाने की अपील करते हुए कहा कि जो भी लोग नीचले इलाकों में रह रहे है वो तत्काल सुरक्षित स्थानों या शरणालय में पहुंच जाए।

    कुछ लोग डूब क्षेत्र में मवेशियों को भी रखते है उन्हे भी तुरंत ऊंचाई वाले स्थानों को शिफ्ट कर दें। ताकि बाढ के दौरान होने वाली क्षति से बचा जा सके। विद्युत निगम ने भी बाढ़ के खतरें को देखते हुए पुश्ता के अंदर ट्यूबवेलों के लिए जाने वाली विद्युत आपूर्ति की लाइनों को काट दिया है।

    बाढ़ चौकियां और कंट्रोल रूम से 24 घंटे की जा रही निगरानी

    तहसील प्रशासन ने यमुना में बाढ़ की संभावना को देखते हुए प्राथमिक स्कूल मेवला गोपालगढ़, जनता इंटर कालेज जेवर, प्राथमिक स्कूल झुप्पा, शिव मंदिर भाईपुर बह्मनान चारों बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही बाढ़ प्रभावितों के लिए जूनियर हाईस्कूल फलैंदा बांगर में शरणालय बनाया है। तहसील जेवर के कमरा नंबर 11 में बाढ़ कंट्रोल रूम को 24 घंटे क्रियाशील करते हुए स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है।

    जेवर के इन गांव पर बाढ़ का खतरा

    झुप्पा, छातंगा, छातंगा खुर्द, गोविन्दगढ, कानीगढी, शामशमनगर, महेंदीपुर खादर, महेंदीपुर बांगर, सिरौली खादर, सिरौली बांगर, अगरपुर पलाका, फलैदा बांगर, फलैदा खादर, अनवरगढ खादर, जेवर खादर, जेवर बांगर, रामपुर खादर , रामपुर बांगर, करौली खादर, करौली बांगर, सिरसा, माछीपुर खादर, मांछीपुर बांगर, मेवला गोपालगढ सहित कुल 25 गांव को प्रशासन ने बाढ के सभावित माना है।

    पुश्ता से जेवर के दर्जनों गांव पर बाढ़ का नहीं होता असर

    यमुना नदीं में वर्ष 1995 में आई भयानक बाढ़ के बाद वर्ष 2002 में पुस्ता बना था। पुस्ता बनने से पहले जेवर के दर्जनों गांव बाढ़ आते ही गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता था। अभी भी ज्यादा बाढ आने की स्थिति में कुल 25 गांव प्रभावित हो सकते हैं। आबादी केवल महेंदीपुर खादर की प्रभावित होती है। बाढ़ क्षेत्र में 19871 हैक्टेयर जमीन है जिसमें से 9410 हेक्टेयर जमीन की फसल भी प्रभावित हो सकती है।

    बाढ़ से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी

    हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ने व बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने सोमवार को एडवाइजरी कर लोगों से एहतियात बरतने की सलाह दी है। जिसमें बाढ़ क्षेत्र से दूर रहने,पक्के मकान के अंदर आश्रय लेने, नालों और मौसमी वर्षा आधारित धाराओं से दूर रहने की सलाह दी गई है। 

    साथ ही फिसलन भरी सड़क और खराब दृश्यता की स्थिति में वाहन चलाते समय सावधानी बरतें व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वाहन न चलाने, जलमग्न अंडरपास में जाने से बचने, बिजली उपकरणों से दूर रहें, उबले हुए पानी या क्लोरीन युक्त पानी का सेवन करने समेत अन्य जानकारी साझा की गई है।

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