नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बिजली बिलों की गड़बड़ी से मिलेगा छुटकारा, लगेंगे पांच लाख प्रीपेड मीटर
गौतमबुद्ध नगर में पहले चरण में ग्रेटर नोएडा व जेवर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। दोनों ही क्षेत्रों सर्वे और ट्रायल का काम पूरा हो चुका है। 4जी स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटरिंग की व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। मीटर सिम से चलेगा। इससे उपभोक्ता का मोबाइल भी कनेक्ट रहेगा। साथ ही यह विद्युत निगम के कंट्रोल रूम से भी जुड़ा रहेगा।

अजय चौहान, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर समेत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के 14 जिलों में 4जी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयार अंतिम चरण में पहुंच गई है। जिले में पहले चरण में ग्रेटर नोएडा व जेवर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। दोनों ही क्षेत्रों सर्वे और ट्रायल का काम पूरा हो चुका है।
अचार संहिता खत्म होत हुए। मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार की पुनरुत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत मार्च 2025 तक गौतमबुद्ध नगर में इलेक्ट्रानिक को पूरी तरह 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बदला जाना है। कुल पांच लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
मोबाइल पर देख सकेंगे मीटर रीडिंग
अभी कुछ जगह बहुमंजिला सोसायटियों में प्रीपेड मीटर लगे हैं, लेकिन ये स्मार्ट नहीं है। लोग एडवांस में रिचार्ज तो करते है, लेकिन अभी मीटर रीडिंग आदि की जानकारी मोबाइल पर नहीं देख पाते हैं। 4जी स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटरिंग की व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। मीटर सिम से चलेगा।
इससे उपभोक्ता का मोबाइल भी कनेक्ट रहेगा। साथ ही यह विद्युत निगम के कंट्रोल रूम से भी जुड़ा रहेगा। उपभोक्ता को मोबाइल की तरह अपना मीटर रिचार्ज कराना पड़ेगा। बिजली रिचार्ज के अलावा उपभोक्ता अपनी प्रत्येक दिन खपत भी देख सकेंगे। बिजली की स्थिति देख सकेंगे।
इससे उपभोक्ता और विद्युत निगम दोनों तरफ से निगरानी पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। मीटर रीडिंग की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। घर और दुकान की बिजली खपत का अलग-अलग आडिट हो सकेगा। शार्ट सर्किट होने की स्थिति में अपने आप बिजली कट जाएगी।
पहले की तरह मिलता रहेगा बिल
विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बाद भी मासिक बिल बनते रहेंगे। इस व्यवस्था में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। उपभोक्ता बिल भी भुगतान कर सकता है और अपने आप रिचार्ज भी कर सकता है।
बस तय समय पर रिचार्ज नहीं होने पर अपने सिस्टम से ही बिजली कट जाएगी। इसके लिए खंभे से केबल काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, भविष्य में प्रीपेड व्यवस्था ही लागू हो जाएगी। इसके बाद बिजली बकाया जैसी समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
मीटर-डीटी-फीडर से कंट्रोल रूम से होंगे कनेक्ट
प्रत्येक उपभोक्ता का मीटर इंटरनेट की माध्यम से वितरण ट्रांसफार्मर (डीटी) से जुड़ेगा। सभी डीटी का डाटा फीडर से और फीडर सीधे निगम के कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे। ऐसे में बिजली की रियल टाइम निगरानी चलती रहेगी। बिजली कटौती होने पर विद्युतकर्मी भी गलत जानकारी नहीं दे सकेंगे। अधिकारियों को तुरंत ही पता चल जाएगा किस स्तर पर फाल्ट के चलते कितने समय आपूर्ति बाधित रही।
स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया डिस्काम स्तर से चल रही है। जिले में पहले चरण में ग्रेटर नोएडा व जेवर क्षेत्र में मीटर लगेंगे। इसके चलते काम करने वाली संस्था ने सर्वे कर लिया है। डिस्काम से अनुमति मिलने के बाद वह काम शुरू होगा।
- नंद लाल, अधीक्षण अभियंता द्वितीय
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