शातिरों ने नोटबंदी का कुछ इस तरह उठाया फायदा, जानकर हो जाएंगे हैरान
नकली नोट जमा होने का पर्दाफाश उस समय हुआ, जब पोस्टमाटर जमा रकम को बुलंदशहर के मुख्य डाकघर में जमा करने पहुंचे।

नोएडा (जेएनएन)। एक तरफ जहां लोग पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट बदलने के लिए बैंकों की लाइन में धक्के खा रहे हैं। वहीं, नोटबंदी की आपाधापी का लाभ उठाते हुए कुछ लोगों ने दनकौर स्थित डाकघर में पांच सौ व एक हजार रुपये के नकली नोट जमा करवाए दिए।
नकली नोट जमा होने का पर्दाफाश शनिवार को उस समय हुआ, जब पोस्टमाटर जमा रकम को शनिवार को बुलंदशहर के मुख्य डाकघर में जमा करने पहुंचे। बुलंदशहर स्थित डाकघर में जांच के दौरान 11000 रुपये के नकली नोटों को मशीन ने पकड़ लिया।
इस आपाधापी का खामियाजा पोस्टमास्टर को अपने पास से 11 हजार रुपये जमा कर चुकाना पड़ा। पोस्टमास्टर ने सोमवार को दनकौर डाकखाने में बिना मशीन पुराने नोट जमा नहीं करने का फैसला लिया है।
पोस्टमास्टर एमएस डागर ने बताया कि दनकौर के डाकघर में असली व नकली नोट के परीक्षण करने के लिए आज भी मशीन उपलब्ध नहीं करवाई गई। आठ नवंबर को प्रधानमंत्री की नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही वह पुराने नोट बदलने से परहेज कर रहे थे,लेकिन लोगों ने डाकघर पर हंगामा शुरू कर दिया।
लोगों के हंगामे के बाद उन्होंने 16 नवंबर से एक हजार व पांच सौ के नोट उनके खाते में जमा करने शुरू किए थे। 16 नवंबर से 18 नवंबर तक दनकौर डाकघर में एक करोड़ से अधिक रुपये ग्राहकों ने अपने खाते में जमा करवाए।
इस दौरान डाकघर में मशीन न होने व नोटबंदी की आपाधापी का फायदा उठाते हुए कुछ ग्राहकों ने 11 हजार रुपये के नकली नोट जमा करवा दिए। शनिवार को जब बुलंदशहर डाकघर से 11 हजार रुपये के नकली नोट जमा होने की रिपोर्ट उन्हें मिली तो अपनी जिम्मेदारी लेते हुए मजबूरन अपनी जेब से रकम जमा करनी पड़ी।
इस घटना से आहत पोस्टमास्टर ने डाकघर में रुपयों के परीक्षण के लिए मशीन की व्यवस्था नहीं होने तक पुराने नोट जमा करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में लोग मायूस लौट रहे हैं।

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