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    Shrikant Tyagi Case: ढाई साल पहले दिया गया था श्रीकांत त्यागी का अवैध निर्माण गिराने का आदेश, सोया रहा प्राधिकरण

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 08 Aug 2022 12:01 PM (IST)

    Shrikant Tyagi Case नोएडा प्राधिकरण की टीम ने आज यानी सोमवार को सेक्टर-93-बी स्थित ग्रेंड ओमेक्स सोसायटी में भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। हालांकि इस अतिक्रमण को हटाने का आदेश ढाई वर्ष पहले ही दिया गया था।

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    Shrikant Tyagi Case: ढाई साल तक फाइलों में दफन रहा अतिक्रमण हटाने का आदेश

    नोएडा [लोकेश चौहान]। भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) द्वारा नोएडा के सेक्टर-93-बी स्थित ग्रेंड ओमेक्स सोसायटी (Grand Omaxe Society) के ग्राउंड फ्लोर पर फ्लैट संख्या डी-003 के पास पार्क में किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई किए जाने के आदेश ढाई वर्ष पहले हुए थे, लेकिन यह आदेश फाइल में ही दफन रह गया।

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    तत्कालीन महाप्रबंधक नियोजन की तरफ से चार फरवरी 2020 को आदेश दिए गए थे कि अब तक अतिक्रमण को नोएडा प्राधिकरण द्वारा हटाया जाएगा और इसमें आने वाले खर्च की वसूली श्रीकांत त्यागी से की जाएगी, लेकिन अतिक्रमण को हटाने का यह आदेश फाइल के बाहर ही नहीं निकल सका।

    कार्रवाई में देरी को लेकर सोसायटी के लोगों ने जताई नाराजगी

    सोमवार को नोएडा प्राधिकरण की टीम जब इस अतिक्रमण को हटाने पहुंची तो पहले सोसायटी के लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा, हालांकि स्थानीय निवासियों को समझाने के बाद कार्रवाई सुबह करीब दस बजे शुरू हो गई। इसमें पार्क की जमीन पर दीवार खड़ी कर किए गए अतिक्रमण को जेसीबी मशीन और कामगारों की मदद से ध्वस्त किया गया।

    2019 में सामने आई थी अतिक्रमण की बात

    14 अक्टूबर 2019 को नोएडा प्राधिकरण की टीम ने ग्रेंड ओमेक्स सोसायटी में निरीक्षण किया था, उस समय वहां पार्क की जमीन पर अतिक्रमण मिला था। इस संबंध में 16 अक्टूबर 2019 को नोटिस जारी कर श्रीकांत त्यागी को स्वयं अतिक्रमण हटाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया।

    अतिक्रमण हटाने के बजाय श्रीकांत त्यागी की तरफ से अधिवक्ता ने चार नवंबर 2019 को प्राधिकरण में अपना पक्षा रखा, जिसे प्राधिकरण ने नकार दिया। प्राधिकरण ने साफ किया कि आवंटी के अधिवक्ता की तरफ से जो उत्तर दिया गया है, वह वह नोएडा प्राधिकरण की भवन विनियमावली के प्रविधानों के अंतर्गत मान्य नहीं है।

    प्राधिकरण ने 16 दिसंबर 2019 को जारी किया था अंतिम नोटिस

    इसके बाद प्राधिकरण की तरफ से 16 दिसंबर 2019 को अंतिम नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन का समय दिया गया, लेकिन भाजपा नेता द्वारा अतिक्रमण को नहीं हटाया गया। इसके बाद चार फरवरी को नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग के महाप्रबंधक ने पत्र जारी कर आदेश दिया कि इस अतिक्रमण को प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त किया जाएगा।

    जेसीबी से ध्वस्त किया गया श्रीकांत त्यागी का अवैध निर्माण

    इसमें आने वाले खर्च की वसूली आवंटी से की जाएगी। करीब ढाई वर्ष पहले किए गए यह आदेश भाजपा नेता के प्रभाव के चलते फाइल में ही दफन रह गया।

    अब महिला के साथ बदसलूकी किए जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद प्राधिकरण को इस अतिक्रमण की याद और आज यानी सोमवार को सुबह करीब दस बजे इस अतिक्रमण को जेसीबी मशीन और कामगारों की मदद से ध्वस्त किया गया।