अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ साइबर ठगों को मुहैया कराते थे बैंक खाते, साथी समेत गिरफ्तार
नोएडा में साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट ठगी करने वाले एक अकाउंटेंट और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बैंक खाते उपलब्ध कराकर लगभग 14 करोड़ रुपये की ठगी की। इन दोनों के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर 33 शिकायतें दर्ज हैं जिनमें नोएडा के एक बुजुर्ग से हुई 2.39 करोड़ रुपये की साइबर ठगी भी शामिल है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराकर डिजिटल अरेस्ट जैसी ठगी करवाने वाले अकाउंटेंट और उसके दोस्त को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने बृहस्पतिवार को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया। दोनों करीब 14 करोड़ रुपये बैंक खातों में ट्रांसफर करा चुके हैं।
दोनों के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर 33 शिकायत दर्ज हैं। दोनों ने नोएडा के बुजुर्ग से हुई 2.39 करोड़ की साइबर ठगी में बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। मामले में एक आरोपित को पूर्व में जेल जा चुका है।
नोएडा सेक्टर 36 के रहने वाले विदेश सेवा से सेवानिवृत्त एससी मल्होत्रा को 42 दिन डिजिटल अरेस्ट रखकर 2.39 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। पीड़ित ने 18 मार्च को साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस टीम साइबर ठगों की तलाश में जुटी है।
जांच के दौरान दो ठगों की लोकेशन मुरादाबाद में मिली थी। पुलिस ने दोनों को बृहस्पतिवार दबोच लिया। इनकी पहचान मुरादाबाद के कृष्णा कॉलोनी के मुकेश सक्सेना व मुरादाबाद के धीमरी रोड करूला के अनीश अहमद के रूप में हुई।
डीसीपी साइबर सेल प्रीति यादव ने बताया कि मुकेश पेशे से अकाउंट्स का काम करता था। पैसों की जरूरत के चलते अनीस अहमद के संपर्क में आ गया था। दोनों ने मिलकर साइबर ठगों को करंट अकाउंट खाते उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया। इनमें ठगी की धनराशि मंगाकर कमीशन प्राप्त करते थे।
नोएडा में हुई 2.39 करोड़ की ठगी की धनराशि में से 18 लाख रुपये प्राप्त किए थे। धनराशि को आपस में बांट लिया था। जांच में यह पता चला है कि अनीस बैंक खातों में 12 करोड़ तो मुकेश दो करोड़ रुपये ठगी के प्राप्त कर चुका है।
अनीश के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर 15 और मुकेश पर 18 शिकायते हैं। इनमें दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्य शामिल हैं।
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