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    Noida News: तीन मिनट 37 सेकेंड में पीड़ितों तक पहुंच रही नोएडा पुलिस, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

    By Munish Kumar Sharma Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 15 Apr 2025 06:13 PM (IST)

    यूपी के गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस अपराधियों पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ पीड़ितों को तुरंत मदद पहुंचाने में भी सक्रिय है। डायल 112 की टीम ने त्योहारों के दौरान भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी त्वरित कार्रवाई करते हुए औसतन 3 मिनट 37 सेकंड में पीड़ितों तक पहुंचकर सहायता पहुंचाई। अप्रैल में पुलिस कमिश्नरेट पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रही।

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    डायल 112 पुलिस 3 मिनट 37 सेकंड में पीड़ितों तक पहुंचती है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस का एक चेहरा अपराधियों पर लगाम लगाने के साथ ही उन्हें कड़ी पैरवी के जरिए सजा दिलाने में नजर आता है, तो दूसरा चेहरा पीड़ितों को त्वरित मदद पहुंचाने का है। त्योहारों के दौरान जिले में भीड़भाड़ होने के बावजूद डायल 112 ने अच्छा काम किया।

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    औसत समय महज तीन मिनट 35 सेकेंड

    अप्रैल के पहले 14 दिनों की रिपोर्ट के आधार पर डायल 112 पुलिस द्वारा पीड़ितों तक पहुंचने में लिया गया औसत समय महज तीन मिनट 35 सेकेंड रहा। अप्रैल में गौतमबुद्ध कमिश्नरेट पुलिस पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रही।

    पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन और डायल 112 के नोडल अधिकारी व पुलिस उपायुक्त यातायात लाखन सिंह यादव की निगरानी में पीआरवी वाहनों का संचालन किया जा रहा है। डायल 112 पुलिस कंट्रोल से प्राप्त सूचनाओं को तत्परता से ले रही है।

    कम से कम समय में पीड़ितों तक पहुंच रही पुलिस

    पुलिस कम से कम समय में पीड़ितों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। 1 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच नवरात्रि, महावीर और अंबेडकर जयंती के दौरान डायल 112 को 13,428 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इन सूचनाओं पर पीड़ितों तक पहुंचने में पुलिस को तीन मिनट 37 सेकंड का समय लगा।

    पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि डायल 112 पुलिस का प्रयास है कि पीड़ितों तक कम से कम समय में पहुंचकर मदद पहुंचाई जाए। समय-समय पर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पीआरवी वाहनों के रूट चार्ट में संशोधन किया जाता है।

    जिन क्षेत्रों से सबसे अधिक सूचनाएं मिलती हैं, वहां पीआरवी वाहनों की संख्या के साथ ही उनके भ्रमण का समय भी बढ़ाया जाता है, ताकि पीड़ित को जल्द से जल्द पुलिस सहायता मिल सके। इसी कार्य प्रणाली के आधार पर कमिश्नरेट पुलिस को अप्रैल के पहले और दूसरे सप्ताह में प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है।

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