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    Noida: हिंडन नदी की स्थिति चिंताजनक, NGT का आदेश- मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 1 सप्ताह में हो कमेटी का गठन

    By Vaibhav TiwariEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 19 Mar 2023 10:54 PM (IST)

    सहारनपुर में शाकुंभरी देवी रेंज की ऊपरी शिवालिक से निकलने वाली हिंडन (हरनंदी) नदी अपने उद्गम स्थल से प्रदूषित होना शुरू होती है और करीब 400 किलोमीटर की यात्रा कर गौतमबुद्धनगर में यमुना नदी में समा जाती है।

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    एक सप्ताह में होगा कमेटी का गठन, 30 जून तक सौंपनी होगी रिपोर्ट

    नोएडा, जागरण संवाददाता। सहारनपुर में शाकुंभरी देवी रेंज की ऊपरी शिवालिक से निकलने वाली हिंडन (हरनंदी) नदी अपने उद्गम स्थल से प्रदूषित होना शुरू होती है और करीब 400 किलोमीटर की यात्रा कर गौतमबुद्धनगर में यमुना नदी में समा जाती है। वर्षा पर निर्भर रहने वाली नदी की स्थिति चिंताजनक है, जिसको लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक सप्ताह के अंदर समिति के गठन का आदेश मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दिया है।

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    समिति नदी की वर्तमान स्थिति का आंकलन करके 30 जून तक एनजीटी को रिपोर्ट सौंपेगी। सीवेज व इंडस्ट्रीयल वेस्ट की सबसे बड़ी चुनौती पर रोक लगाने को लेकर एनजीटी ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है। समिति में गौतमबुद्धगनर, गाजियाबाद, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, व मेरठ के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर / एसएसपी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य विभाग व मंत्रालय के अधिकारी सदस्य रहेंगे।

    समिति नदी की मौजूदा स्थिति का अध्ययन कर नदी को स्वच्छ बनाने के लिए हो सकने वाले जरूरी उपाय पर भी काम करेगी। शहरी विकास मंत्रालय व प्रमुख सचिव समिति समिति के नोडल के रहेंगे, जो संयोजन व अनुपालन के लिए कार्य करेंगे। 17 मार्च को एनजीटी की तरफ से अभिष्ट कुसुम गुप्ता की याचिका हिंडन में प्रदूषण बढ़ने में प्रशासनिक अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं की विफलता पर सुनवाई हुई थी। जिसमें उन्होंने जर्मनी में 1200 किलोमीटर की रीन व दो सौ किलोमीटर की सीज नदी की तरह से हिंडन के सफाई की मांग की थी।

    मुजफ्फरनगर के 32 औद्योगिक इकाई हिंडन को कर रहे प्रदूषित

    उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद से सबसे अधिक औद्योगिक इकाई से हिंडन दूषित होती है, जिनकी संख्या 220 है। मुजफ्फरनगर 32, ग्रेटर नोएडा 22, बागपत 7, सहारनपुर 25 व मेरठ की 4 औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनपर 1 करोड़ 89 लाख 50 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।

    222.13 एमएलडी पानी बिना शोधित हुए हिंडन में छोड़ा जाता है 

    सहारनपुर से सबसे अधिक 99 .89 ,मुजफ्फरनगर से 78.64,शामिली से 33.5 व मेरठ के दस स्त्रोंतों का पानी बिना डिस्चार्ज हुए हिंडन में जाता है। अभिष्ट कुसुम गुप्ता बताते हैं कि एक एमएलडी पानी बिना शोधित हुए नदी में छोड़े जाने पर संबंधित एजेंसियों व विभाग पर करीब दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

    130 सीवेज व 3 इंडस्ट्रीयल वेस्ट से दूषित हो रही हिंडन :

    हिंडन नदी में सात जिलों से 133 नाले छोड़े जाते हैं, जिनसें नदी दूषित होती है। इसमें से 113 नाले ऐसे हैं, जिनके जल को शोधित करके हिंडन में छोड़े जाने की जरूरत है। इसके साथ ही तीन 3 इंडस्ट्रीयल वेस्ट के नाले भी हैं।