नोएडा में 5वीं के स्कूल में चल रहीं 12वीं तक की क्लास, रजिस्ट्रेशन न होने से 9 छात्र परीक्षा से वंचित
सेक्टर-63 छिजारसी में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर बिना मान्यता के 12वीं कक्षा तक स्कूल संचालित हो रहा है। शिक्षा माफियां के खेल में फंस नौ बच्चों का एक साल बर्बाद हो गया है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। सेक्टर-63 छिजारसी में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर बिना मान्यता के 12वीं कक्षा तक स्कूल संचालित हो रहा है। शिक्षा माफियां के खेल में फंस नौ बच्चों का एक साल बर्बाद हो गया है। सरस्वती वंदना एकेडमी ने बिना मान्यता के ही 10वीं में एक औ 12वीं में आठ बच्चों का प्रवेश लिया।
बच्चे वर्षभर से शुल्क दे रहे थे, जबकि बच्चों का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग में पंजीकरण ही नहीं हुआ था। पीड़ित छात्रों ने डीआइओएस और बीएसए से मामले की शिकायत की है।
सरस्वती वंदना एकेडमी स्कूल की मान्यता पांचवीं कक्षा तक है, जबकि स्कूल खुलेआम नर्सरी से 12वीं कक्षा तक चल रहा है। हर साल छात्रों का प्रवेश लिया जाता है। दूसरे स्कूलों में सांठगांठ कर बच्चों का बोर्ड में पंजीकरण करा दिया जाता है। कक्षाएं अपने स्कूल में ही चलाते हैं, जबकि उनका पंजीकरण दूसरे स्कूल से होता है। इस बार किसी कारण स्कूल ऐसा कराने में असफल रहा।
छात्रा स्वादिया मंसूरी ने बताया कि प्रवेशपत्र के लिए वह लगातार स्कूल का चक्कर लगा रही थी। 15 फरवरी तक प्रतिदिन प्रवेशपत्र देने का आश्वासन दिया जाता रहा लेकिन जब परीक्षा शुरू होने पर भी प्रवेश पत्र नहीं मिला तो उनको पूरा मामला समझ में आया।
इसके बाद उन्होंने स्कूल के खिलाफ सेक्टर-63 थाना में शिकायत दी। साथ ही बीएसए, डीआइओएस को भी डाक के माध्यम से शिकायत दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद वह बृहस्पतिवार को डीआइओएस व बीएस कार्यालय में स्वयं शिकायत करने गई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य विपिन कुमार व उनके भाईयों द्वारा उनको और उनके परिवार को धमकाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने 88,900 रुपये वार्षिक शुल्क और तीन हजार रुपये प्रयोगात्मक परीक्षा शुल्क जमा किया था। विपिन कुमार ने खुद को स्कूल से जुड़ा बताया लेकिन प्रधानाचार्य होने से मना किया। उन्होंने कहा कि स्कूल की मान्यता पांचवीं कक्षा तक है। बाकी में बाद में बात करने की बात कही। सेक्टर-63 थाना प्रभारी अमित कुमार मान ने बताया कि मामले में शिकायत मिली थी। कार्रवाई शिक्षा विभाग से होनी थी। इसलिए पीड़ित को शिक्षा विभाग में शिकायत करने को कहा था।
बिना परीक्षा के परिणाम का दे रहे आश्वासन
छात्रा स्वादिया मंसूरी ने बताया कि स्कूल द्वारा अभी भी छात्रों को बिना परीक्षा के ही दूसरे छात्रों के साथ परिणाम जारी होने की बात कही जा रही है। इसके चलते छात्र खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, जबकि ऐसा संभव नहीं है या फिर हो सकता है कोई नकली अंकपत्र थमा दिया जाए। उन्होंने 10वीं की परीक्षा भी इसी स्कूल से उत्तीर्ण की है, जबकि अभी तक उनको अंकपत्र नहीं दिया गया है। इसके चलते वह दूसरे स्कूल में भी प्रवेश नहीं ले पाई है।
अभी तक मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। मामले की जांच कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। -डा. धर्मवीर सिंह, डीआइओएस
बृहस्पतिवार को मेरे शिकायत आइ है। बीईओ को स्कूल सील करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही संचालकों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। - एश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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