Noida News: 12 साल में शुरू छपरौला आरओबी की 6 महीने में उखड़ी रोड, गड्ढे और जाम से जूझ रहे लोग
ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जीटी रोड से जोड़ने वाला छपरौला आरओबी 12 साल में बनकर तैयार हुआ लेकिन छह महीने में ही उखड़ गया। कई जगहों पर गड्ढे होने से लोग परेशान हैं और जाम लग रहा है। रेलवे ने 2019 में ओवरब्रिज बनाया पर एप्रोच रोड नहीं बनी। पूर्व मंत्री की पैरवी के बाद रेलवे ने एप्रोच रोड बनाई। आरओबी शुरू होने से जाम से राहत मिली थी।

जितेंद्र सिंह, ग्रेटर नोएडा। सुनने में ताज्जुब जरूर लगेगा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जीटी रोड से जोड़ने वाले छपरौला रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) को शुरू होने में तो 12 साल लग गए, लेकिन रोड ओवर ब्रिज छह माह में ही उखड़ गई।
बड़ी मशक्कत के बाद शुरू हुए आरओबी से लोगों को छपरौला रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से राहत मिली थी, जो छह माह बाद ही परेशानी में बदल गई। रोड ओवर ब्रिज कई जगह उखड़ने से करीब आठ जगह गड्ढे हो गए हैं।
इस कारण यहां आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। रोड पर गड्ढों के कारण सुबह शाम जाम की स्थिति बन रही है। रोड ओवर ब्रिज पर जगह-जगह गड्ढे हो जाने से वर्षा के समय पानी जमा हो रहा है। इससे रोड और बदहाल होती जा रही है और लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
रेलवे ने किया आरओबी व रोड का निर्माण
दिल्ली-हावड़ा लाइन पर छपरौला फाटक के पास आरओबी बनाने के लिए 2012-13 में भारतीय रेलवे और राज्य सरकार के बीच एक करार हुआ था। इस आरओबी को बनाने के लिए करीब 84.43 करोड़ की लागत में से 38.25 करोड़ रुपये रेलवे को देने थे, जबकि 46.18 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से वहन किए जाने थे।
रेलवे ने ओवरब्रिज वर्ष 2019 में तैयार कर लिया, जबकि पीडब्ल्यूडी की ओर से एप्रोच रोड नहीं बनाई गई। जिसके कारण काम रुक गया। करीब चार साल से अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए रेलवे बोर्ड ने एक नई पॉलिसी बनाई।
इसमें दो लेन रोड ओवरब्रिज का पूरा निर्माण रेल प्रशासन की ओर से कराया जाना तय किया गया। इसके लिए प्रयागराज मंडल की ओर से टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया गया। उसके बाद रोड ओवर ब्रिज का निर्माण हुआ।
पूर्व मंत्री ने की पैरवी तो पीडब्ल्यूडी की बजाय रेलवे ने बनाई रोड
रेलवे ने आरओबी को 2019 में तैयार कर दिया था। उसके बाद करार के अनुसार आरओबी की एप्रोच रोड पीडब्ल्यूडी को बनानी थी। पीडब्ल्यूडी द्वारा कई साल तक रोड का नहीं किया जा सका।
इसके बाद भाजपा के पूर्व सिंचाई मंत्री नवाब सिंह नागर ने समस्या को तत्कालीन रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के समक्ष रखी। रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह इस एप्रोच रोड को रेलवे के खर्च से तैयार कराएं। एप्रोच रोड का निर्माण होने के बाद अप्रैल 2025 में आरओबी को शुरू किया गया।
आरओबी शुरू होने से छपरौला फाटक पर घंटों जाम से मिली थी मुक्ति
पहले छपरौला रेलवे फाटक से लगातार अंतराल में ट्रेनों के आवागमन के कारण लोग घंटों जाम में फंसे रहते थे। आरओबी शुरू होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट से दादरी, गाजियाबाद, छपरौला, गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट जाने वाले लोगों को जाम से राहत मिली थी। ।
रोजाना लाखों वाहनों की होती है आवाजाही
गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के बीच प्रतिदिन लाखों वाहनों की आवाजाही होती है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और जीटी रोड से होते हुए दादरी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ समेत तमाम शहरों में लोग जाते हैं, जिन्हे अब आरओबी की रोड उखड़ने व गड्ढे होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रोड ओवर ब्रिज पर कई जगह गड्ढे हो गए हैं। आवागमन के दौरान कई बार ई रिक्शा पलटने से बचा। इससे गुजरने के दौरान हादसे की आशंका बनी रहती है।
- सुनील
वर्षों बाद शुरू हुए आरोबी की रोड कुछ माह में ही उखड़ गई। आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। रोड पर गड्ढे होन के कारण सुबह शाम जाम लग जाता है।
- भरत कुमार झा
रोड पर गड्ढों के कारण आवागमन के दौरान हादसे की आशंका बनी रहती है। इसको ठीक कराना चाहिए।
- शिवेंद्र
रोड पर गड्ढों के कारण आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। सुबह शाम जाम की स्थिति बन जाती है।
- हतवीर
इसकी जानकारी संबंधित विभाग को है। रोड पर हुए गड्ढों को कुछ जगह भरा गया है। वर्षा के कारण अभी मरम्मत कार्य नहीं हो सकता है। वर्षा के बाद मरम्मत कार्य किया जाएगा। इतनी जल्दी रोड कैसे खराब हुई इसकी जानकारी की जाएगी।
- अमित कुमार सिंह, पीआरओ, प्रयागराज मंडल
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।