ग्रेटर नोएडा में 14 एकड़ में बनेगा बस अड्डा, सीएनजी स्टेशन व वर्कशाप
Greater Noida News दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कारिडोर के अंतर्गत बोड़ाकी के पास इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जा रही है। टाउनशिप के पास प्रस् ...और पढ़ें

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। बोड़ाकी को एनसीआर का प्रमुख ट्रांसपोर्ट हब बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां 14 एकड़ में बस अड्डा, वर्कशाप व सीएनजी स्टेशन बनेगा। वहीं बोड़ाकी स्टेशन एक बड़े रेलवे टर्मिनल के रूप में विकसित होने जा रहा है। इसके बाद यहां से पूर्वाचल की अधिकांश ट्रेनें चलेंगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो को भी आगे बढ़ाते हुए बोड़ाकी तक ले जाने की कागजी प्रक्रिया शुरू हो गई है। आइआइटीजीएनएल के एमडी व सीईओ नरेंद्र भूषण, रोडवेज के एमडी नवदीप रिणवा व नेशनल इंडस्ट्रियल कारिडोर डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एनआइसीडीसी) के कंपनी सचिव अभिषेक चौधरी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कारिडोर के अंतर्गत बोड़ाकी के पास इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जा रही है। टाउनशिप के पास प्रस्तावित दो परियोजनाओं मल्टीमाडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमाडल लाजिस्टिक हब पर काम हो रहा है। हाल ही में नोएडा एयरपोर्ट के शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इन परियोजनाओं का जिक्र किया था। इन परियोजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश तेज हो गई है।
मल्टीमाडल ट्रांसपोर्ट हब को मूर्त रूप देने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व आइआइटीजीएनएल सीईओ नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई। बैठक में मल्टीमाडल ट्रांसपोर्ट हब के अंतर्गत करीब 14 एकड़ में अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाने पर विचार-विमर्श हुआ। इसके अंदर ही बसों के लिए वर्कशाप व सीएनजी पंप भी बनाए जाएंगे। ट्रांसपोर्ट हब की रोड कनेक्टिविटी ग्रेटर नोएडा के 105 मीटर रोड से भी होगी। यह एनएच-34 के जरिए गाजियाबाद व बुलंदशहर भी जुड़ जाएगा। ट्रांसपोर्ट हब नोएडा एयरपोर्ट व ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे यात्री यूपी के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों का सफर यहां से कर सकेंगे। बोड़ाकी से स्थानीय बसें भी चलाई जाएंगी। इस बस अड्डे से 2026 में रोजाना करीब एक लाख यात्रियों के सफर करने का आकलन है।
मेट्रो व बोड़ाकी टर्मिनल प्रोजेक्ट ने भी पकड़ी रफ्तार
बस अड्डे के साथ ही अब बोड़ाकी तक मेट्रो को जल्द ले जाने की भी तैयारी तेज हो गई है। आइआइटीजीएनएल व एनएमआरसी इसकी कागजी प्रक्रिया पूरी करने में जुटे हैं। इसकी डीपीआर को जल्द अंतिम रूप दिया जा सकता है। बोड़ाकी को रेलवे टर्मिनल के रूप में विकसित करने के लिए भी भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है।
मल्टीमाडल ट्रांसपोर्ट हब से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों का अपने गंतव्य तक जाने का सफर आसान होगा। दूसरी तरफ लाजिस्टिक हब से औद्योगिक विस्तार होगा। हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।- नरेंद्र भूषण, सीईओ आइआइटीजीएनएल

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