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भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को लगी बड़ी चोट, हजारों करोड़ के नुकसान की आशंका

अमेरिका की पियर-1 कंपनी ने इस वर्ष फरवरी मध्य में ही दिवालिया प्रक्रिया के आवेदन की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी। लेकिन उसने दो माह तक भारतीय निर्यातकों को अंधेरे में रखा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 09:42 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 09:51 AM (IST)
भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को लगी बड़ी चोट, हजारों करोड़ के नुकसान की आशंका
भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को लगी बड़ी चोट, हजारों करोड़ के नुकसान की आशंका

कुंदन तिवारी, नोएडा। अमेरिका की 60 वर्ष पुरानी रिटेल कंपनी पियर-1 के 1,100 स्टोर बंद कर दिवालिया प्रक्रिया में जाने से भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को तगड़ा झटका लगा है। नोएडा समेत देशभर के दर्जनों निर्यातकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। हैरानी की बात यह रही कि कंपनी ने इस वर्ष फरवरी मध्य में ही दिवालिया प्रक्रिया के आवेदन की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी। लेकिन उसने दो माह तक भारतीय निर्यातकों को अंधेरे में रखा।

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जब कंपनी के दिवालिया प्रक्रिया में जाने की जानकारी निर्यातकों को हुई, तब उन्होंने कंपनी अधिकारियों से संपर्क साधा, फिर भी कंपनी एक माह तक निर्यातकों के समक्ष टालमटोल करती रही। इसे देखते हुए ईपीसीएच ने स्पष्ट किया है कि अब वैश्विक कारोबार करने के लिए संबंधित कंपनियों की प्रत्येक गतिविधि पर विशेष नजर रखनी होगी। साथ ही अपने माल को सुरक्षित रखने के लिए ईसीजीसी से ऑर्डर का बीमा कराना अनिवार्य होगा। प्रकाश में आया है कि निर्यातकों ने कंपनी के ऑर्डर को बीमित ही नहीं कराया है।

संभावित नुकसान से बचने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) से संपर्क कर तत्काल बीमित राशि निर्यातकों को जारी करने का आग्रह किया है। ईसीजीसी के दिल्ली प्रमुख सौरभ श्रीवास्तव ने निर्यातकों को भरोसा दिया है कि बीमित राशि का 90 दिन के बजाय अब 30 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि निर्यातक अपनी कागजी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लें।

ईपीसीएच उपाध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा (एमडी, एशियन क्राफ्ट, गुरुग्राम) ने बताया कि ईसीजीसी के साथ जब बातचीत शुरू की गई तो पता चला है कि पूर्व में पीयर-1 ने कभी भी निर्यातकों का भुगतान रोका नहीं थ। हैंडीक्राफ्ट, होम फर्निशिंग और फर्नीचर क्षेत्र की इस रिटेल चेन का कभी-कभार ऑर्डर रद हुआ तो कंपनी ने उसका मुआवजा भी चुकाया है।

यही कारण है कि अधिकांश निर्यातकों ने अपने ऑर्डर को बीमित ही नहीं कराया था। लेकिन कोरोना काल में कंपनी ने जिस प्रकार अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में अपने 1100 स्टोर बंद किए है और अमेरिकी सरकार से खुद ही संपर्क कर दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन दिया, यह हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए शुभ संकेत नहीं है। कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने के साथ-साथ पिछले ऑर्डर और भुगतान सबकुछ बंद कर दिया है।

इपीसीएच पूर्व उपाध्यक्ष राजेश कुमार जैन (एमडी, एक्समार्ट इंटरनेशनल) ने बताया अब तक करीब 80 निर्यातकों का 125 करोड़ रुपये का ऑर्डर बीमित पाया गया है। पियर-1 ने छह माह पहले बड़ी संख्या में स्टोरों के लिए ऑर्डर देने के बाद उसे रद कर दिया था लेकिन यह आभास नहीं था कि कंपनी 1100 स्टोर पूरी तरह से बंद कर खुद को दिवालिया घोषित कर देगी।


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