Noida News: 2 साल से किराये पर लेकर PG चलाने वाला बांग्लादेशी गिरफ्तार, दूसरी भाषा बोलता देख खुला राज
15 साल पहले बांग्लादेश से भारत आए एक व्यक्ति को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह पिछले दो साल से किराए पर पीजी चला रहा था। वह पुणे और गाजियाबाद के पते पर फर्जी आधार कार्ड बनवाकर भारत में रह रहा था। पुलिस ने उसे स्थानीय लोगों द्वारा दूसरी भाषा में बात करते हुए देखने के बाद गिरफ्तार किया।

जागरण संवाददाता, नोएडा। करीब 15 वर्ष पहले किशोरावस्था में ही पश्चिम बंगाल के रास्ते आकर देश में आने वाला बांग्लादेशी नोएडा में दो साल से किराये पर लेकर पीजी चला रहा था। रात में मोबाइल फोन पर दूसरी भाषा बोलते हुए देखने पर स्थानीय लोगों के जानकारी देने पर नोएडा सेक्टर 126 थाना पुलिस के हत्थे चढ़ा।
वह पुणे व गाजियाबाद के पते पर बनवाए फर्जी आधार कार्ड से देश में रह रहा था। इतने लंबे समय से देश में रहने पर पुलिस के तमाम अभियान, स्थानीय सूचना तंत्र पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। एक बार फिर फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों के खेल भी सामने आया है। नोएडा पुलिस और अन्य जांच एजेंसी ने उससे पूछताछ कर रही हैं।
बहन की भी कराने वाला था घुसपैठ
पुलिस के मुताबिक बांग्लादेशी की पहचान बंग्लादेश के नोआखली जिला के श्रीपोद्दी गांव के आसिफ शेख पुत्र अब्दुल रौबे के रूप में हुई। वह वर्तमान में नोएडा बख्तावरपुर गांव के प्रेस्टिज पैराडाइज पीजी में रह रहा था। पुलिस से उससे दो मोबाइल, गाजियाबाद इंदिरापुरम व पुणे वकाड के पते पर उसके दो आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, गाजियाबाद के पते का डीएल व पुणे से जारी पासपोर्ट आदि दस्तावेज बरामद किए।
एसीपी नोएडा प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि उसने दस्तावेज को लेकर बताया कि वह बांग्लादेश का रहने वाला है। 16 साल की उम्र में नदीय मार्ग से उत्तर 24 परगना जिला के रास्ते देश में आया था। बार्डर पार कराने वाले दलाल की मदद से पुणे के वकाड जाकर रहने लगा था। वहां पर प्लेटिनम टावर बी-404 के पते पर आधार व पासपोर्ट बनवाया था।
2018 में पकड़ा गया था भाई
पांच साल रहने वाले बाद वर्ष 2015 में गाजियाबाद में इंदिरापुरम आकर एक पीजी में नौकरी करने लगा। यहां पीजी के पते पर अपने भाई मोहम्मद आलम शेख(2018 में इंदिरापुरम से गिरफ्तार) की मदद से दूसरा आधार कार्ड व डीएल बनवाया था।
जान पहचान बढ़ने पर 2023 में नोएडा रायपुर व बख्तावरपुर गांव में किराये पर लेकर पीजी(प्रेस्टिज नाम से) चलाने लगा। वह जल्द ही अपनी बहन आसमां को भी घुसपैठ के जरिए भारत में लाने वाला था। बरामद जन्म प्रमाणपत्र उसकी बहन का ही है।
आइएओ एप से करता था बात
आसिफ शेख स्वजन व अन्य बांग्लादेशी जानकार से आइएमओ एप (एक मुफ्त, सरल और सुरक्षित अंतरराष्ट्रीय वीडियो काल और त्वरित संदेश एप) से बात करता था ताकि की पुलिस की पकड़ में नहीं आए। पुलिस उसके दोनों मोबाइल की जांच कर रही है।
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