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    Noida Air Quality: ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए फिर मुसीबत बनी 'हवा', प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंची

    By MOHD BilalEdited By: Prateek Kumar
    Updated: Tue, 29 Nov 2022 07:00 PM (IST)

    सीपीसीबी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा का औसत एक्यूआइ मंगलवार को 406 रहा। यह वायु प्रदूषण की गंभीर श्रेणी है।दिल्ली का 369 नोएडा का 344 गाजियाबाद का 332 फरीदाबाद का 320 गुरुग्राम का 312 का दर्ज किया गया।ग्रेटर नोएडा को छोड़कर पूरे एनसीआर की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज हुई।

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    वायु प्रदूषण की गंभीर श्रेणी है। फाइल फोटो।

    नोएडा, जागरण संवाददाता। तापमान में लगातार हो रही गिरावट और दिन में सतह पर चलने वाली हवा की रफ्तार सुस्त रहने से प्रदूषक तत्वों में बढ़ोतरी होने लगी है। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक ग्रेटर नोएडा का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) मंगलवार को 406 रहा। यह वायु प्रदूषण की गंभीर श्रेणी है।

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    जानिए अन्य शहरों का हाल 

    दिल्ली का 369, नोएडा का 344, गाजियाबाद का 332, फरीदाबाद का 320, गुरुग्राम का 312 का दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा को छोड़कर पूरे एनसीआर की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज हुई। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) के मुताबिक आगामी तीन दिनों तक हवा बहुत खराब श्रेणी में रह सकती है। मंगलवार को उत्तर पश्चिम दिशा से चली हवा की रफ्तार आठ किमी प्रतिघंटा रही। वहीं सोमवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह और शाम के समय सर्द हवा चलने से घरों से बाहर निकले लोगों ने सर्दी का अहसास किया। दिन में धूप निकलने से राहत मिली।

    सर्दी और प्रदूषण से निमोनिया की चपेट में बच्चे

    मौसम में आए बदलाव से तापमान में गिरावट हो रही है। सर्दी, प्रदूषण बढ़ने की वजह से बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। डाक्टरों ने स्वजन को जरूरतमंद बच्चों को समय पर निमोनिया की वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है।

    बच्चों का रखें खास ध्यान 

    फेलिक्स अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डी.के गुप्ता कहना है कि बच्चों की मौत की प्रमुख वजह निमोनिया होती है। इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इसलिए बच्चों के शरीर को ढंकने के साथ पूरे कपड़े पहना कर रखें। कान ढककर रखें, सर्दी से बचाएं। बच्चों में तेज सांस लेना, सीने में घरघराहट निमोनिया का संकेत हो सकते हैं। पांच साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों का समय से टीकाकरण कराएं। छाती में दर्द, सांस लेने के दौरान खांसी, कफ या बलगम, बुखार की समस्या पर डाक्टरों से संपर्क करें।

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