Farmer Protest: नोएडा में भी चल रहा है किसानों का एक धरना, जानिये- पूूरा मामला
एक सितंबर को किसानों के प्रदर्शन के बाद किसान हरौला बारातघर में डटे हुए हैं। बुधवार को यहां हुई पंचायत में किसानों ने नोएडा प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि दोनों मिलकर किसानों का उत्पीड़न करने में जुटे है।

नई दिल्ली/नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की पूर्ण नियोजित योजना के चक्कर में जिन किसानों को पुलिस ने उठाकर जेल भेज दिया था। बुधवार को जब उन्हें जेल से रिहा किया गया, उन्होंने जेल के बाहर की धरना लगा दिया। इससे जिले में हड़कंप मच गया और तमाम किसान नेता धरना स्थल पर पहुंच गए। बता दें कि भारतीय किसान परिषद के बैनर तले किसानों की भिन्न-भिन्न मांगों को लेकर किसानों का धरना जारी है। बुधवार को दोपहर अचानक धरना स्थल पर फोन आया कि जेल से भारतीय किसान परिषद अध्यक्ष सुखबीर खलीफा, राजेंद्र यादव, उदल यादव, सुधीर चौहान को छोड़ा जा रहा है। धरने पर बैठे किसान जेल की ओर से चल दिए। देखते ही देखते तमाम किसान नेता जेल के बाहर एकत्र हो गए। प्राधिकरण चेयरमैन से बातचीत करने की मांग को लेकर अड़ गए और धरना लगा दिया।
नोएडा प्राधिकरण अधिकारी जेल परिसर में आए और चेयरमैन से वार्ता करने का प्रस्ताव रखा, प्रथम टृष्टया तो खलीफा ने वार्ता से इनकार कर दिया, लेकिन साथियों के समझाने बुझाने से खलीफा ने जेल परिसर में प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठकर बात कही कि जब तक किसानों का स्वाभिमान उनका सम्मान नहीं मिल जाता, उनको उनके धरना स्थल तक नहीं पहुंचने दिया जाता तब तक कोई वार्ता किसी से नहीं होगी। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि सभी को रिहा कर दिया जाएगा, पर आज केवल चार साथियों को रिहा किया गया। जिस पर खलीफा ने रोष प्रकट करते कहा कि यह प्राधिकरण की फिर वादा खिलाफी है। जब तक सभी साथी रिहा नहीं होते हम जेल परिसर में ही धरने पर बैठे रहेंगे। आगे की वार्ता उसके बाद ही हो पाएगी।
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को नोएडा प्राधिकरण चेयरमैन संजीव मित्तल से मिला। इस दौरान किसानों की मांग को उनके सामने रखा, जिसके बाद चेयरमैन ने सीईओ रितु माहेश्वरी को निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं का समाधान कराया जाए। इससे पहले किसानों के मामले को लेकर पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ प्राधिकरण चेयरमैन ने बैठक की। जिसमें किसान के मुद्दे को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। दूसरी ओर हरौला बारातघर में किसानों की पंचायत जारी रही, जिसमें मंगलवार को जेल से रिहा हुए किसान भी शामिल रहे।
बता दें कि एक सितंबर को किसानों के प्रदर्शन के बाद किसान हरौला बारातघर में डटे हुए हैं। बुधवार को यहां हुई पंचायत में किसानों ने नोएडा प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि दोनों मिलकर किसानों का उत्पीड़न करने में जुटे है। किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उनको जेल भेजा जा रहा है। किसानों की ओर से इसका डटकर विरोध किया जाएगा।
कांग्रेस नेता अनिल यादव ने कहा कि पंचायत में अधिकारियों को एक दिन का अल्टीमेट देते हुए सभी किसानों को रिहा करने के लिए कहा गया है। यदि बृहस्पतिवार को सभी किसानों को जेल से रिहा नहीं किया गया तो शुक्रवार से बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों का अब हर गांव में विरोध किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर शाम के समय भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नेतृत्व में किसानों ने नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल से मुलाकात कर किसानों की समस्याएं रखीं।
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