नोएडा में प्रशिक्षण के लिए हो रहा आपदा मित्रों का चयन, जरूरत पर निभाएंगे फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका
गौतमबुद्ध नगर में युवा आपदा मित्र योजना के तहत 100 स्वयंसेवकों को आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। ये आपदा मित्र जिले में फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में कार्य करेंगे। प्रशिक्षण के बाद ये भूकंप बाढ़ और आग जैसी आपदाओं में राहत और बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। स्वयंसेवकों को एनडीआरएफ द्वारा लखनऊ में 12 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मनोज कुमार शर्मा, जेवर। गौतमबुद्ध नगर में युवा आपदा मित्र योजना के तहत 100 स्वयंसेवकों को आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आपदा मित्र जिले में फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग जिले की तीनों तहसीलों की मदद से इन स्वयंसेवकों का चयन कर रहा है। चयन में एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र तथा भारत स्काउट एवं गाइड के स्वयंसेवकों को प्रमुखता दी जा रही है। चयन के बाद सभी को 12 दिन के प्रशिक्षण के लिए लखनऊ भेजा जाएगा।
क्या-क्या करेंगे आपदा मित्र?
केंद्र सरकार की तरफ से सामुदायिक जागरूकता से आपदाओं के समय होने वाले नुकसान को कम करने लिए इस योजना को लागू किया जा रहा है। आपदा मोचक निधि से आपदा मित्र परियोजना संचालित की जानी है गौतमबुद्धनगर में हाइराइज बिल्डिंग में आग की घटनाओं, यमुना और हरनंदी नदी में बाढ़ और भूकंप के समय आने वाली आपदा के समय आपदा मित्रों की की हमेशा आवश्यकता बनी रहती है।
केंद्र सरकार भी आपदा के समय फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में स्थानीय युवाओं को आपदा से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिलाकर तैयार करना चाहती है, जिससे घटना के वक्त सरकार की एजेंसियों के आने तक आपदा मित्र अपना काम शुरू करते हुए आपदा के समय होने वाले नुकसान को कम कर सकें।
योजना का उद्देश्य समुदायों के व्यवहार परिवर्तन से आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाना है, ताकि किसी भी आपदा के समय वे राहत और बचाव कार्यों के साथ ही आपदा प्रबंधन के प्रयासों में अपना योगदान दे सकें।
आपदा मित्रों को दिया विशेष प्रशिक्षण
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा निर्देशों पर स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन, आपदा पूर्व तैयारी, भूकंप सुरक्षा, खोज एवं बचाव, अग्नि सुरक्षा, बरसात के मौसम में बाढ़, आकाशीय बिजली, सीपीआर आदि का निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के बाद आपदा से निपटने के लिए दी जाएंगी आपातकालीन किट
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद आपदा मित्र एवं सखियों को आपातकालीन किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनका उपयोग आपदा के समय किया जा सके जिसमें फर्स्ट एड किट, लाइफ जैकेट, टार्च, सुरक्षा हेलमैट, लाइटर, बहु उपयोगी रस्सी, कटर, सीटी आदि दिया जाएगा।
तीनों तहसीलों में आपदा मित्र और आपदा सखी का चयन किया जा रहा जो अंतिम चरण में हैं। सभी को जल्द एनडीआरएफ से प्रशिक्षण के लिए लखनऊ भेजा जाएगा। प्रशिक्षण के बाद सभी स्वयंसेवक अपने क्षेत्रों में आपदा के समय फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम करेंगे।
ओंकार चतुर्वेदी, जिला आपदा विशेषज्ञ
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