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    Exclusive Story: उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 10 सरकारी टीचर वर्षों से गायब, शिक्षा विभाग बेखबर

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 25 May 2022 10:29 AM (IST)

    खंड शिक्षा अधिकारी जब सक्रिय हुए तो पता चला कि जिले में लंबे समय से बिना विभाग को सूचना दिए 10 महिला शिक्षिका गायब हैं। नोटिस का जवाब देने के लिए समय दिया गया लेकिन जब किसी भी शिक्षिका की ओर से तय समय के अंदर जवाब नहीं आया।

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    Noida News: सालों से गायब हैं 10 शिक्षिका, शिक्षा विभाग बेफिक्र

    ग्रेटर नोएडा [अंकुर त्रिपाठी]। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार जहां अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और अन्य राज्यों के सामने उदाहरण पेश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा में शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों द्वारा भ्रष्ट आचरण की मिसाल पेश की जा रही है। एक तरफ जहां प्रदेश के स्कूलों की सेहत सुधारने की दिशा में सरकार कई कदम उठा रही है।

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    वहीं, ग्रेटर नोएडा जिले में जिन शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी है वो सरकार की सख्ती और बुलडोजर की आवाज से बेफिक्र कुंभकरण की तरह सोए हुए हैं। जिले के अलग-अलग ब्लाक में तैनात दस ऐसी शिक्षिका हैं जो कुछ महीनों से नहीं बल्कि सालों से गायब हैं और बेसिक शिक्षा विभाग के पास उनकी कोई जानकारी नहीं है।

    जेवर की दो, बिसरख की चार, दनकौर की एक और दादरी ब्लाक की तीन शिक्षिका लंबे समय से गायब चल रही हैं। एक शिक्षिका तो वर्ष 2014 से लापता हैं। विभाग की उदासीनता ही है कि जिले में 2014 से 2022 तक आठ बीएसए बदल चुके हैं। दो बीएसए ने ही इनको नोटिस भेजने का कार्य किया। 21 मार्च 2022 को ऐश्वर्या लक्ष्मी ने जिले में बीएसए का पदभार ग्रहण करने के बाद इन पर कार्रवाई की प्रकिया में तेजी लाई व नोटिस निकलवाया।

    तीन बार भेजे गए नोटिस

    अक्टूबर 2020 में जिले में आए वरिष्ठ सहायक विनोद मासी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई पुरानी फाइल नहीं मिली तो उन्होंने प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी से पूछताछ की। साथ ही प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी को उनके ब्लाक में लंबे समय से विभाग को बिना सूचना दिए गायब चल रहे शिक्षकों की जानकारी बीएसए कार्यालय ने मांगी।

    खंड शिक्षा अधिकारी जब सक्रिय हुए तो पता चला कि जिले में लंबे समय से बिना विभाग को सूचना दिए 10 महिला शिक्षिका गायब हैं। नोटिस का जवाब देने के लिए समय दिया गया, लेकिन जब किसी भी शिक्षिका की ओर से तय समय के अंदर जवाब नहीं आया तो बीएसए कार्यालय से दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। कोई जवाब नहीं आने पर कुछ दिनों बाद फिर से तीसरा नोटिस सुनवाई आदेश जारी किया गया। इसके बाद भी किसी शिक्षिका की ओर से कोई जवाब नहीं आया।

    क्या हैं नियम

    वरिष्ठ सहायक विनोद मासी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग का नियम हैं कि अगर कोई शिक्षक अपनी नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी को ज्वाइन करता है तो उसे विभाग को तीन महीने पहले नोटिस देना होता है अथवा उसे अपने तीन महीने का बेसिक वेतन जमा करना होता है, लेकिन गायब हुई किसी भी शिक्षिका ने ऐसा नहीं किया है।

    बीएसए ऐश्वर्या लक्ष्मी ने बताया कि बीएसए का पदभार ग्रहण करते ही जैसे ही मामला संज्ञान में आया तो सार्वजनिक नोटिस निकलवाया गया। सभी शिक्षिकाओं को एक हफ्ते का समय दिया गया है। उनके द्वारा विभाग के पास कोई जवाब नहीं आता है तो सेवा समाप्त करने की प्रकिया शुरू की जाएगी।

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