क्रांतिकारियों का गुप्त प्रशिक्षण केंद्र था नलगढ़ा गांव
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश को आजाद कराने में गौतमबुद्ध नगर का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। न केवल यहां के क्रांतिकारियों ने आजादी की जंग में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, बल्कि जिले को देश के महान क्रांतिकारियों की शरणस्थली होने का भी तगमा प्राप्त है। नोएडा सेक्टर 145 स्थित नलगढ़ा गांव में रखा पत्थर इस बात का गवाह है। अमर बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु आजाद हिद फौज में रहे करनैल सिंह के यहां कई साल तक छिपे रहे। नलगढ़ा गांव में ही क्रांतिकारियों ने बम तैयार कर आठ अप्रैल 1929 को नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हुकूमत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में फेंके थे। यहां आकर देश के महान क्रांतिकारी अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति भी अख्तियार करते थे।
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क्रांतिकारियों को दिया जाता था प्रशिक्षण
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे बसा यह गांव कभी बिहड़ हुआ करता था। गांव में पहुंचने के लिए पहले नदी और फिर घने जंगल को पार करना पड़ता था। ग्रामीणों का दावा है कि यहां क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। बम बनाने के लिए बारूद और अन्य सामग्री को जिस पत्थर पर रखकर मिलाया जाता था वह आज भी नलगढ़ा गांव के एक गुरुद्वारा में रखा है। गुरुद्वारा समिति के सदस्य परमजीत बताते हैं कि ग्रामीणों ने पत्थर को गुरुद्वारे में संजोकर रखा है।
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ग्रामीण पिछले 10 साल से कर रहे शहीद स्मारक बनने का इंतजार
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ रमारमण ने वर्ष 2013 में गांव में शहीद स्मारक की घोषणा की थी। इसके लिए 104 बीघा जमीन भी तय की गई थी, लेकिन प्राधिकरण ने शहीद स्मारक बोर्ड लगाकर ही इतिश्री कर ली है। ग्रामीण 10 साल बाद भी शहीद स्मारक बनने के इंतजार में बैठे हैं।
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