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    नोएडा में 500 करोड़ की जमीन बेचने के आरोपी लोकेंद्र पर एक और घोटाले का आरोप, अथॉरिटी को लगाया करोड़ों का चूना

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 11:19 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन बिल्डर और कॉलोनाइजरों को बेचने के आरोप में जेल में बंद लोकेंद्र भाटी पर एक और भूमि घोटाले का आरोप है। कुलदीप भाटी ने कॉ ...और पढ़ें

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    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की करीब 500 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन बिल्डर और कॉलोनाइजरों को बेचने के आरोप में जेल में बंद बिसरख गांव के लोकेंद्र भाटी पर एक और भूमि घोटाले का आरोप लगा है। गांव के ही कुलदीप भाटी से कई अभिलेख प्रस्तुत कर प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि को पत्र दिया है।

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    आरोप है कि लोकेंद्र भाटी ने गांव में बादामी देवी इंटर कॉलेज के नाम पर करीब छह एकड़ जमीन का घोटाला कर करोड़ों के वारे-न्यारे किए हैं। प्रस्तुत अभिलेखों में घोटाले की कई जांच रिपोर्ट भी सौंपी गई है। लेखपाल, तहसीलदार, सर्किल प्रभारी और विशेष कार्याधिकारी की जांच रिपोर्टों में घोटाला की बात को सही मानते हुए प्राधिकरण को हानि पहुंचाने के आरोप में लोकेंद्र भाटी पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

    लोकेंद्र ने किया अपने प्रभाव का इस्तेमाल 

    थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं। कुलदीप का आरोप है कि जांच रिपोर्ट में घोटाला साबित होने के बावजूद प्राधिकरण स्तर पर लोकेंद्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरोप है कि लोकेंद्र ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जांच रिपोर्ट को दबवाकर कार्रवाई को रुकवा दिया है।

    सीईओ को दिए गए पत्र में कुलदीप भाटी ने आरोप लगाया कि गांव के खसरा नंबर 648 पर 22760 वर्ग मीटर जमीन थी। लोकेंद्र ने चकबंदी का सहारा लेकर जालसाजी कर बैकडेट में जमीन का आधा हिस्सा अपने नाम और आधा हिस्सा बादामी देवी इंटर कॉलेज के नाम करा दिया।

    क्या है पूरा मामला?

    राजस्व अभिलेखों में 1994 में बादामी देवी इंटर कॉलेज का नाम दर्ज कराया गया, उस समय उक्त नाम से कॉलेज और उसके संचालन के गठित संस्था का कहीं पर भी रजिस्ट्रेशन नहीं था।

    कॉलेज और सोसायटी का रजिस्ट्रेशन 1998-99 में हुआ था। प्राधिकरण से कॉलेज और खेल के नाम पर जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करा लिया गया। प्राधिकरण ने कॉलेज के नाम वाली जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया गया था, लेकिन गड़बड़ी कराकर लोकेंद्र के नाम वाली जमीन को भी अधिग्रहण से कॉलेज के नाम के आधार पर अधिग्रहण से बाहर कर दिया गया।

    इतना ही नहीं बाद में लोकेंद्र ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अर्जित खसरा नंबर 649 पर अवैध कब्जा कर कॉलेज का भवन बना दिया। कॉलेज 649 खंबर नंबर पर संचालित हो रहा है। जबकि उसके नाम से खसरा नंबर 648 अधिग्रहण से मुक्त किया गया था।

    648 पर गोदाम और वेयर हाउस बना दिए गए। इनका करोड़ों रुपये महीने का किराया लोकेंद्र वसूल रहा है। प्राधिकण की जिस भूमि पर कॉलेज का भवन बना है, उसकी कीमत भी करीब 110 करोड़ रुपये है। पूर्व में इसकी शिकायत की गई तो लेखपाल, सर्किल प्रभारी तीन, तहसीलदार और विशेष कार्याधिकारी भूलेख ने इसकी जांच की।

    25 सितंबर 2025 को उन्होंने सीईओ को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में सभी आरोपों को सही मानते हुए तत्काल 649 खसरा नंबर से अवैध निर्माण को हटाने और थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश लोकेंद्र के विरुद्ध दिए। आरोप है कि लोकेंद्र ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर फिर से एक जांच कमेटी बनवाई।

    उक्त जांच कमेटी ने भी आरोपों को सही मानते हुए प्राधिकरण की जमीन को खाली कराने की संस्तुति कर लोकेंद्र के विरूद्ध थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। कुलदीप भाटी का आरोप है कि जांच कमेटी की संस्तुति के बाद भी प्राधिकरण लोकेंद्र पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने सीईओ ने मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की है। सीईओ ने जांच रिपोर्ट तलब कर कार्रवाई का भरोसा दिया है।