ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन बेचने के आरोपी लोकेंद्र भाटी की जमानत याचिका खारिज, क्या है पूरा मामला?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 500 करोड़ की जमीन बिल्डरों को बेचने के आरोपी लोकेंद्र भाटी की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी। बिसरख पुलिस ने अदालत में मा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। अदालत ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 500 करोड़ रुपए की 51 हजार वर्ग मीटर जमीन बिल्डरों व अन्य को बेचने के मामले में आरोपित लोकेंद्र भाटी की जमानत याचिका खारिज कर दी। मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में उसके अधिवक्ता ने जमानत याचिका दाखिल की थी। सोमवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था।
अदालत में लोकेंद्र के खिलाफ दर्ज मामले बिसरख पुलिस ने प्रस्तुत किए। अदालत के सामने आरोपित ने कहा कि वह निर्दोष है, कोई अपराध नहीं किया है। उसे झूठा फंसाया जा रहा है। अदालत ने कहा सह अभियुक्त के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन धोखाधड़ी कर बेचने का आरोप है। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, इसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रविधान है। मामले में जमानत के पर्याप्त आधार नहीं हैं। इसलिए अदालत आरोपित की जमानत याचिका निरस्त करती है।
जानिए क्या है मामला?
ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में खसरा संख्या 773 में 75,500 वर्गमीटर करीब 90 बीघा जमीन है। वर्ष 2008 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उक्त खसरे की कुल जमीन में से 51000 वर्गमीटर का अधिग्रहण किया था। शेष 24 हजार वर्गमीटर जमीन छोड़ दी गई थी, जिसकी रजिस्ट्री मूल निवासियों ने अपने नाम कर ली थी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अधिसूचित 51 हजार वर्ग मीटर का आवंटन वर्ष 2010 से 2023 तक नहीं किया। आरोप है कि प्राधिकरण की इस अनदेखी का लाभ उठाकर लोकेंद्र भाटी ने यह जमीन बिल्डरों को बेच दी। बिल्डरों ने फ्लैट और विला का निर्माण करा दिया।
इससे प्राधिकरण को करीब दो हजार करोड़ रुपये का चूना लगा। मामले की शिकायत अनिल भाटी और कुलदीप भाटी ने की थी। कुलदीप भाटी ने लोकेंद्र भाटी पर गांव में इस तरह और भी ग्राम समाज व सरकारी भूमि कब्जाने और उसे बेचकर करोड़ों रुपये कमाने का भी आरोप लगाते हुए, कुछ दिन पहले एक मामला बिसरख कोतवाली में दर्ज कराया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।