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    जिम्स में छात्र की मौत मामले में दर्ज होगा केस, ऑपरेशन के दौरान नस कटने से गई थी जान

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:59 PM (IST)

    नोएडा के जिम्स में छात्र की मौत के मामले में केस दर्ज किया जाएगा। छात्र की मौत ऑपरेशन के दौरान नस कटने से हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में 14 वर्षीय छात्र की आपरेशन के दौरान हुई मौत की घटना में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने कासना कोतवाली पुलिस को इलाज में लापरवाही बरतने वाले जिम्स के चिकित्सकों पर मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया है। अदालत ने माना कि मामला मानव मृत्यु से जुड़ा है। प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध प्रतीत होता है। इसकी सच्चाई विवेचना में सामने आ सकती है।

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    पीड़ित सोनू यादव के अधिवक्ता रजनीश यादव ने अदालत में प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर बताया कि पीड़ित के 14 वर्षीय पुत्र अभिमान यादव को मई 2024 में पेट दर्द के करण जांच कराने पर अपेंडिक्स की समस्या सामने आई। तीन जुलाई 2024 को अभिमान को ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स में भर्ती कराया था। स्वजन का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने सामान्य आपरेशन होने व बच्चा जल्द स्वस्थ होने का आश्वासन दिया था।

    पांच जुलाई 2024 की सुबह 9.30 बजे अभिमान को जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के साथ आपरेशन थियेटर में ले जाया गया। दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से खून की मांग करते हुए कहा किसी नस के कटने से अत्यधिक रक्तस्राव हो गया है। स्वजन ने तत्काल रक्तदाताओं की व्यवस्था कर खून उपलब्ध कराया।

    स्वजन का आरोप है कि डॉक्टरों ने दोपहर 3.30 बजे तक बच्चे की हालत को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई न ही कोई संतोषजनक जवाब मिला। परेशान स्वजन ने डायल -112 पर काल कर सूचना दी। पुलिस के पहुंचने के बाद शाम करीब 5.30 बजे डॉक्टरों ने बताया कि आपरेशन में गलत नस कटने से अभिमान की मौत हो गई है। अदालत ने टिप्पणी की कि प्रार्थना-पत्र में ऐसे तथ्य हैं, जिनका पर्दाफाश केवल जांच से संभव है।


    बच्चे के आपरेशन के दौरान हालत गंभीर हो गई थी, चिकित्सकाें ने अपनी तरफ से इलाज में भरपूर प्रयास किए थे। इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप निराधार हैं। अदालत ने क्या आदेश दिए हैं, अभी जानकारी नहीं है, जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा।


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    ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता, निदेशक जिम्स