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    नोएडा: 'जिम्स को SGPGI जैसा बनाएंगे', 10 साल का विजन मंजूर, रोबोटिक सर्जरी और सुपर-स्पेशियलिटी प्लान

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 06:38 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) को सुपर-स्पेशियलिटी शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के रूप में विकसित करने की योजना है। लखनऊ में आयोजित एक बैठक में जिम्स के निदेशक ने अगले 10 वर्षों के लिए विजन प्रस्तुत किया, जिसे मंजूरी मिली। संस्थान की प्रगति और एनएबीएच और एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने के लिए सराहना की गई। रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत रोगी सेवाओं पर जोर दिया गया।

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    जिम्स को सुपर-स्पेशियलिटी शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के रूप में विकसित करने की योजना है।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स), ग्रेटर नोएडा के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने लखनऊ के लोक भवन में आयोजित 10वीं शासी निकाय की बैठक में भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव एवं जिम्स सोसाइटी के अध्यक्ष एसपी गोयल ने की। जिम्स निदेशक ने अगले 10 वर्षों के लिए एक विजन प्रस्तुत किया।

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    इसमें संस्थान को एसजीपीजीआई की तर्ज पर एक उत्कृष्ट तृतीयक देखभाल, सुपर-स्पेशियलिटी शिक्षण और अनुसंधान संस्थान के रूप में विकसित करना शामिल था। इसे मंजूरी प्रदान की गई और रोडमैप तैयार करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए।

    बैठक के दौरान, जिम्स निदेशक ने संस्थान की गतिविधियों, रोगी देखभाल, शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। मुख्य सचिव और अन्य सदस्यों ने कम समय में जिम्स की प्रगति, विशेष रूप से एनएबीएच और एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने के लिए उसकी सराहना की।

    बैठक के दौरान, अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई की तर्ज पर जिम्स को एक चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पूर्व राज्य मंत्री बालेश्वर त्यागी ने जेआईएमएस की प्रगति पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जेआईएमएस में निर्माणाधीन नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल स्कूल के लिए दूसरे चरण के वित्त पोषण आवंटन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

    अपर मुख्य सचिव ने रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत रोगी सेवाएँ शुरू करने के लिए पहल करने का सुझाव दिया। बैठक में जेआईएमएस की उपाध्यक्ष अपर्णा यू, वित्त विभाग के विशेष सचिव समीर कुमार, पीजीआईसीएच के निदेशक डॉ. एके सिंह, केजीएमयू, लखनऊ के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, बेंगलुरु के पल्मोनरी विभाग से लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बीएनबीएम प्रसाद, जेआईएमएस और जीएनआईडीए के वित्त नियंत्रक स्वतंत्र कुमार गुप्ता, जेआईएमएस के सीएमएस डॉ. सौरभ श्रीवास्तव और जेआईएमएस की डीन अकादमिक डॉ. रंभा पाठक उपस्थित थे।