जेवर एयरपोर्ट विस्थापितों की टाउनशिप बदहाली की शिकार, कूड़े के ढेरों से परेशान लोग
जेवर एयरपोर्ट के कारण विस्थापित हुए लोगों की टाउनशिप बदहाली का शिकार है। निवासियों को कूड़े के ढेरों से परेशानी हो रही है, जिससे जीवन कठिन हो गया है। ...और पढ़ें

जेवर बांगर एयरपोर्ट विस्थापित किसानों की टाउनशिप में लगे कूड़े के ढेर। जागरण
जागरण संवाददाता, जेवर (ग्रेटर नोएडा)। एयरपोर्ट के प्रथम चरण में विस्थापित होने वाले ग्रामीणों को विश्वस्तरीय टाउनशिप का सपना दिखा विस्थापित करने के बाद गांव जैसी भी सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। जिसे लेकर टाउनशिप के निवासी लगातार प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों से मूलभूत सुविधाओं की मांग करते आ रहे हैं।
देश भर में स्वच्छता अभियानों के तहत विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे है लेकिन एयरपोर्ट विस्थापितों के लिए बसाई गई टाउनशिप में कोई अभियान नहीं है। टाउनशिप को बसे चार वर्ष का लंबा वक्त गुजरने को है लेकिन आजतक प्राधिकरण यहां डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू नहीं करा पाया। जिसकी वजह से पूरी टाउनशिप में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं।
चार साल पहले किया गया था विस्थापित
टाउनशिप के निवासियों का आरोप है कि चार वर्ष पूर्व प्रदेश के विकास की रीड नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में उनके गांव आने के बाद तीन हजार परिवारों को विस्थापित किया गया था। प्रशासन ने यमुना प्राधिकरण के द्वारा जेवर बांगर में 50 हेक्टेयर में विश्वस्तरीय टाउनशिप विकसित करने के साथ ही बेहतर मूलभूत सुविधा देने का वादा किया था।
चार वर्ष का लंबा वक्त गुजरने के बाद भी टाउनशिप में घरों से कूड़ा उठाने तक की व्यवस्था नहीं है। जबकि टाउनशिप से सटी जेवर नगर पंचायत में लोगों के घरों से कूड़ा लेने के लिए नगर पंचायत ने व्यवस्था की हुई है। घरों से कूड़ा नही ले जाने की वजह से लोग घरों से निकलनेे वाले कूड़े को सड़कों पर डाल देते है जो सफाई कर्मियों के आने के इंतजार में कूूड़े के ढेर बन जाते है।
आवारा पशुओं का भी इन ढेरों पर जमावड़ा रहता है। कूड़े के ढेरों से टाउनशिप भी बदरंग दिखाई देती है लेकिन लाख शिकायत के बाद भी कूड़े की उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यमुना प्राधिकरण के अधिकारी को फोन काल और वाटसअप मैसेज भेजकर पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया।

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