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    अंग्रेजी और हिदी में प्राप्त कर सकेंगे संस्कृत और वेद का ज्ञान

    सुनाक्षी गुप्ता नोएडा देश के कोने-कोने में संस्कृत और वैदिक शिक्षा को पाठ्यक्रम के जरिये

    By JagranEdited By: Updated: Sat, 05 Sep 2020 06:14 AM (IST)
    अंग्रेजी और हिदी में प्राप्त कर सकेंगे संस्कृत और वेद का ज्ञान

    सुनाक्षी गुप्ता, नोएडा : देश के कोने-कोने में संस्कृत और वैदिक शिक्षा को पाठ्यक्रम के जरिये पहुंचाने के बाद अब उसे आमजन के लिए और सरल भाषा में पेश करने की तैयारी चल रही है। अब बच्चे घर बैठे वेद अध्ययन, योग और संस्कृत व्याकरण की पढ़ाई को संस्कृत भाषा में पढ़ने के साथ उसके अर्थ को हिदी और अंग्रेजी में भी जान सकेंगे। इस बदलाव से देशभर में भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले करीब 50 हजार विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा । साथ ही वह लोग भी इसका फायदा उठा सकेंगे, जो वेद के बारे में ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन संस्कृत भाषा का ज्ञान न होने के कारण पाठ्यक्रम में पंजीकरण नहीं कर पा रहे थे।

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    कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई तीन भाषाओं में करेंगे विद्यार्थी

    देशभर में बच्चों को भारतीय संस्कृति के अंश पढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) की ओर से भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। इसमें कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के सभी विषयों का अनुवाद संस्कृत से हिदी और अंग्रेजी भाषा में किया जा रहा है। माध्यमिक स्तर पर कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाए जाने वाले विषय वेद अध्ययन, संस्कृत व्याकरण, भारतीय दर्शन और संस्कृत साहित्य और प्राथमिक कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक में पढ़ाए जाने वाले विषय वेद, विज्ञान, योग व्यावसायिक कौशल की पढ़ाई संस्कृत में कराने के साथ उसे हिदी और अंग्रेजी में भी समझाया जाएगा। संस्कृत भाषा को विषय के रूप में पढ़ाएंगे। इसमें संस्कृत के श्लोक को समझाते हुए उसकी हिदी और अंग्रेजी में व्याख्या की जाएगी। परीक्षा के लिए भी छात्रों को अगले सत्र से तीनों भाषाओं के विकल्प दिए जाएंगे।

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    भारतीय संस्कृति को देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए एनआइओएस भारतीय ज्ञान परंपरा के पाठ्यक्रम को हिदी और अंग्रेजी भाषा में भी पेश कर रहा है। पूरे पाठ्यक्रम को संस्कृत में पढ़ाने के साथ उसके अर्थ हिदी और अंग्रेजी में समझाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अनुवाद के लिए गुरुकुल के शिक्षकों के साथ ही प्रमुख विश्वविद्यालयों से शिक्षाविद् की सहायता ली जा रही है। अनुवाद का कार्य प्रारंभ हो गया है, जिसे मार्च 2021 तक पूरा किया जाएगा।

    - राजीव कुमार, अकादमिक निदेशक, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस)