तीन मंजिल से ऊपर बने मकान होंगे अवैध, गांव के लिए भवन नियमावली जारी
शाहबेरी हादसें के बाद नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया है। लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी गांव की भवन नियमावली को निकाल कर बृहस्पतिवार से लागू कर दिया है। ऐसे में गांव में बनने वाले मकानों की ऊंचाई 15 मीटर (तीन मंजिल) अधिकतम होगी। इसके ऊपर बनने मकान को अवैध माना जाएंगा। गांव में मकान बनाने से पहले प्राधिकरण में इसका नक्शा पास कराना होगा। बिना नक्शा पास कराए गांव में कोई भी भवन निर्माण नहीं किया जा सकेगा। हालाकि इस व्यव्स्था को लागू करने से पहले नोएडा प्राधिकरण की साइट पर इस नियमावली को अपलोड कर दिया गया है। साथ ही प्राधिकरण के चेयरमैन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह नई व्यवस्था को लागू होने करने के साथ-साथ ग्रामीणों व किसानों को इसके लिए जागरूक भी करेंगे।
कुंदन तिवारी, नोएडा
शाहबेरी हादसे के बाद नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया है। लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी गांव की भवन नियमावली को निकाल कर बृहस्पतिवार से लागू कर दिया है। ऐसे में गांव में बनने वाले मकानों की ऊंचाई 15 मीटर (तीन मंजिल) अधिकतम होगी। इसके ऊपर बनने मकान को अवैध माना जाएंगा। गांव में मकान बनाने से पहले प्राधिकरण में इसका नक्शा पास कराना होगा। बिना नक्शा पास कराए गांव में कोई भी भवन निर्माण नहीं किया जा सकेगा। नोएडा प्राधिकरण की साइट पर इस नियमावली को अपलोड कर दिया गया है। साथ ही प्राधिकरण के चेयरमैन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह ग्रामीणों व किसानों को इसके लिए जागरूक भी करेंगे।
बता दें कि बृहस्पतिवार को नोएडा प्राधिकरण ने गांव की फ्री होल्ड जमीन या प्रॉपर्टी पर रेग्यूलेशन लागू कर दिया है। ऐसे में नोएडा (चतुर्थ संशोधन नियमावली 2016) लागू हुई है। इसमें गांव की जमीन के लिए 1.8 फ्लोर एरिया रेसियो (एफएआर) दिया जाएगा। इसमें गांव में कोई भी मकान की ऊंचाई 15 मीटर से अधिक नहीं होगी यानि तीन मंजिल ही अधिकतम नहीं होगी। इसके ऊपर बनाए गए मकानों को अवैध माना जाएगा। जिला पंचायत की शह पर नोएडा में बढ़ा था अवैध बि¨ल्डगों का जाल : बता दें कि वर्ष 2014 में जब गांव की जमीन पर तेजी से मल्टी स्टोरी का निर्माण चल रहा था। नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वीके पवार ने इस पर रोक लगाने का प्रयास किया। इस दौरान संज्ञान में आया कि भू माफिया जिला पंचायत से नक्शा पास करा धड़ल्ले से नोएडा में आबादी की जमीन पर निर्माण करने में जुटे है। इस पर नोएडा प्राधिकरण ने लिखित तौर पर शासन से कड़ी आपत्ति जताई थी। जिसमें प्राधिकरण क्षेत्र में अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जगह पर किसी भी प्रकार से जिला पंचायत के नक्शा पास नहीं करने का अधिकार भी बताया गया था। इसके बाद शासनादेश जारी हुआ। इसमें जिला पंचायत को नोएडा से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने गांव की जमीन पर भवन निर्माण के लिए नियमावली लागू कराने की बात कही। इस पर कई राजनीतिक दलों ने विरोध भी जताया, लेकिन प्राधिकरण के काफी प्रयास के बाद वर्ष 2016 में गांव की जमीन पर भवन नियमावली तैयार कर ली गई लेकिन किसान, भू माफिया, सत्ता गठजोड़ के कारण इसको अभी तक लागू नहीं किया जा सका था। इस कारण नोएडा के 81 गांव में तेजी से अवैध निर्माण की भरमार हो गई। जिस पर आज तक ठीक से अंकुश नहीं लग सका। विज्ञापन में देनी होगी सभी दस्तावेजों की जानकारी : नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि सभी वैध एवं अधिकृत बिल्डर्स, डेवलपर, कोलोनाइजर्स, संस्थाओ एवं सोसायटी अभी भू संपत्ति से संबंधित योजना व परियोजना विज्ञापनों के फुटनोट में प्राधिकरण से उनके पक्ष में जारी आवंटन पत्र की संख्या व दिनांक, भवन मानचित्र की स्वीकृति संबंधि आदेश संख्या व दिनांक के साथ ही योजना व परियोजना की भू स्थिति संबंधित मिनिएचर लोकेशन प्लान, जिसमें सेक्टर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो। नोएडा के गांव की भवन नियमावली को लागू कर दिया गया है। इसकी जानकारी साइट पर उपलब्ध करा दी गई है। जल्द ही विज्ञापन के जरिए इसकी जानकारी ग्रामीण व किसानों तक भी पहुंचा दी जाएगी। साथ ही नियमों के प्रति आमजन को जागरूक भी किया जाएगा।
-आलोक टंडन, चेयरमैन, नोएडा प्राधिकरण।
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