तापमान में गिरावट से बढ़ी दिलों की धड़कन
तापमान में गिरावट के साथ ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया

जागरण संवाददाता, नोएडा :
तापमान में गिरावट के साथ ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ठंड बढ़ने से अस्पतालों में हृदय रोगी बढ़ गए हैं। ऐसे में हृदय रोग विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है। सीने में दर्द होना या फिर किसी तरह के हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर उसे नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी है।
मेट्रो अस्पताल के कार्डियोलाजिस्ट डा. समीर गुप्ता ने बताया कि सर्दी शरीर के सिम्पटथेटिक नर्वस सिस्टम (अनुकंपी तंत्रिकातंत्र) को उत्तेजित कर देती है, इससे हार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, धड़कन भी बढ़ जाती है। इससे दिल पर ज्यादा काम का दबाव पड़ता है। अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के (ब्लड क्लाट) बनने की आशंका बढ़ती है। इस कारण आम दिनों के मुकाबले सर्दी में हार्टअटैक की आशंका 30 से 35 फीसद बढ़ जाती है। ठंड बढ़ने के बाद से हृदय रोगी की संख्या तेजी से बढ़ी है। बदलती जीवनशैली के कारण अब युवा भी हार्ट अटैक का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे है। शारीरिक गतिविधि कम होने, देर रात तक जगने, बाहर के खानपान का चलन बढ़ने के साथ तनाव के दौरान धूमपान और शराब के सेवन से हृदय रोग बढ़ा है।
यह सावधानी बरतें
-योगासन करें
-वजन न बढ़ने दें-गुनगुना पानी पीएं
-खाने में नमक कम लें
-दवाओं का सेवन न छोड़ें
-सुबह धूप निकलने के पहले न निकलें
-शराब और सिगरेट का सेवन नहीं करें
-नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराएं
-ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल व मधुमेह की नियमित जांच कराएं
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हार्ट अटैक के लक्षण-
अगर सीने, बांह, कोहनी या छाती की हड्डियों में असहजता, दबाव, भारीपन या दर्द का अहसास हो तो हार्ट की शिकायत है। इसके साथ ही इस दौरान पीठ, जबड़े, गले और बाहों में मरीज असहज महसूस करते हैं या मितली, पेट में समस्या, बहुत ज्यादा कमजोरी, धड़कनों का तेज या अनियमित होना भी इसके लक्षण हैं।
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