GST पोर्टल की खामी से बढ़ी उद्यमियों की परेशानी, कर्नाटक से नोएडा पोर्टल ने 35 घंटे में पहुंचाया; ट्रक को लगे 5 दिन
जीएसटी पोर्टल की खामियों ने उद्यमियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कर्नाटक से नोएडा तक पोर्टल से सामान 35 घंटे में पहुंचा, जबकि ट्रक को 5 दिन लगे। पोर्टल की तकनीकी समस्या के कारण व्यापार में देरी हो रही है, जिससे उद्यमियों को परेशानी हो रही है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जीएसटी पोर्टल में गड़बड़ी का खामियाजा उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रेटर नोएडा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें कर्नाटक से कच्चा माल लेकर आने वाले ट्रक को जीएसटी पोर्टल ने महज 35 घंटे में ग्रेटर नोएडा पहुंचा दिया, जबकि ट्रक को पांच दिन यहां तक पहुंचने में लगे।
पोर्टल की इस गलती की मार उद्यमी पर भारी पड़ी। जीएसटी विभाग ने ट्रक को पकड़ा और टैक्स में गड़बड़ी का आरोप लगाकर उद्यमी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया। यह कोई अकेला मामला नहीं हैं। जीएसटी पोर्टल से ई वे बिल जनरेट करने के दौरान इस तरह की गलतियां पोर्टल में अक्सर होती है।
इसका खामियाजा उद्यमियों व व्यापारियों को भुगतना पड़ता है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा साइट चार के एक व्यापारी ने प्लास्टिक के उत्पाद बनाने के लिए कच्चा माल कर्नाटक से मंगाया था। कच्चा माल भेजने के लिए कर्नाटक के उद्यमी ने ई वे बिल जनरेट किया और ट्रक चालक को ग्रेटर नोएडा के लिए रवाना कर दिया।
इसके साथ ई वे बिल भी लगाया गया। ग्रेटर नोएडा में पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से उतरते ही जीएसटी विभाग की टीम ने ट्रक को जांच के लिए रोक लिया। छानबीन में पता चला कि चालक के पास कर्नाटक से ग्रेटर नोएडा तक कच्चा माल लेकर आने के लिए सिर्फ 35 घंटे का ई वे बिल जनरेट हुआ।
इसे टैक्स चोरी का मामला मानते हुए उद्यमी पर 15 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया। गहनता से जांच में पोर्टल की खामी सामने आई। इस मामले में अपर आयुक्त राज्य कर नोएडा जोन संदीप भागिया का कहना है कि अगर पोर्टल ने गलत ई वे बिल जनरेट किया तो उसे कैंसिल कर दोबारा जनरेट किया जा सकता है। नियम मुताबिक कार्रवाई हुई है।

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