शासन स्तर से हुई सुनवाई में ग्रेटर वैल्यू शरणम का एफएआर को मिली मंजूरी, एओए ने जताई थी आपत्ति
शासन स्तर पर हुई सुनवाई में ग्रेटर वैल्यू शरणम के एफएआर को मंजूरी मिल गई है, जिस पर एओए ने आपत्ति जताई थी। एओए का कहना था कि एफएआर बढ़ने से बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ेगा। शासन ने आपत्तियों पर विचार कर नियमों के अनुसार मंजूरी दी। इससे बिल्डर को राहत मिली है।
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सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-107 स्थित ग्रेट वैल्यू शरणम सोसायटी में तीन टावर बनाने के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) खरीदने के प्रार्थना पत्र पर मंजूरी दे दी है। इसका सोसायटी एओए (अपार्टमेंट आनर्स एसोसिएशन) ने विरोध किया था। वर्ष 2023 में अतिरिक्त एफएआर खरीदने के प्रार्थना पत्र को प्राधिकरण की ओर से निरस्त किया गया था। एफएआर को लेकर एओए और बिल्डर के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही थी।
बता दें ग्रेट वैल्यू प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड की परियोजना ग्रेट वैल्यू शरणम 2.75 बुनियादी एफएआर की अनुुमति प्राधिकरण की ओर से दी गई थी। फेज-5 में तीन टावर बनाने के लिए बिल्डर की ओर से वर्ष 2023 में अतिरिक्त एफएआर खरीदने के लिए प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र दिया। लोगों की सहमति नहीं होने पर इसकी मंजूरी नहीं मिल सकी।
बिल्डर की ओर से एफएआर की मंजूरी के लिए शासन स्तर पर प्रार्थना पत्र दिया गया। दिसंबर 2024 में अतिरिक्त एफएआर खरीदने के प्रार्थना पत्र पर शासन स्तर से बिल्डर को मंजूरी मिली। एओए अध्यक्ष अभिषेक मित्तल ने बताया एफएआर की अनुमति के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हाई कोर्ट मामला शासन में होने के चलते 60 दिन में सुनवाई कर फैसला करने को कहा। प्रदेश सरकार के आद्योगिक विकास विभाग में एडिशन चीफ सेके्रटरी ने इसमें दो सुनवाई की। नौ अक्टूबर में हुई सुनवाई में एओए और उनके वकील की नहीं सुनी गई। एफएआर को मंजूरी दे दी गई। एओए अध्यक्ष ने कहा कि औद्योगिक विकास विभाग के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
मामले में ग्रेट वैल्यू रियल्टी की ओर से बताया कि औद्योगिक विकास विभाग ने अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो की मंजूरी को वैध और नियमानुसार ठहराया गया है। यह दर्शाता है कि यहां विकास की अनुमति के लिए अधिकांश फ्लैट मालिकों ने अनुमति दी थी।

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