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    SIR प्रक्रिया में गांव के नौकरी पेशा लोग बन रहे मुसीबत, फॉर्म भर कर BLO को नहीं कर रहे वापस

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 05:54 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (SIR) प्रक्रिया में नौकरीपेशा ग्रामीण बाधा बन रहे हैं। फॉर्म भरकर BLO को वापस न करने से प्रक्रिया धीमी हो गई है, जिससे प्रक्रिया पूरी करने में अड़चन आ रही है। अधिकारियों ने इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है ताकि SIR का विकास सुचारू रूप से हो सके।

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    SIR प्रक्रिया में गांव के नौकरी पेशा लोग बन रहे परेशानी। जागरण

    जागरण संवाददाता, जेवर। निवार्चन नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण में गांव के नौकरी पेशा लोग सबसे बड़ी परेशानी बन रहे हैं। ज्यादातर लोग परिवारों के साथ नौकरी पेशा या व्यवसाय के लिए शहरों का रुख कर गए है लेकिन आज भी वोट अपने पैतृक गांव में ही बनवा रखी है।

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    बीएलओ विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के फार्म देने उनके परिवार के लोगों के पास पहुंचे तो फार्म तो रिसीव कर लिए लेकिन भरने के बाद बीएलओ को वापस नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे एसआइआर का काम तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। रविवार को बीएलओ से लेकर सुपरवाइजर सभी ने गांव से बाहर रहने वाले मतदाताओं से फोन पर संपर्क कर गांव बुलाने का प्रयास किया लेकिन कुछ ही लोग गांव पहुंचे जिससे बीएलओ ने रहात की सांस ली है।

    जेवर विधानसभा में लगभग तीन लाख 67 हजार मतदाता हैं निर्वाचन नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के लिए प्रत्येक मतदाता को फार्म पहुंचाने और उनको मतदाता या उनके परिवार के सदस्य से भरवाकर वापस लेने की जिम्मेदारी 398 बीएलओ की है। निर्वचन नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के लिए बीएलओ से तेजी से काम कराने के लिए सुपरवाइजरों की ड्यूटी लगाई गई थी।

    फॉर्म वापस नहीं कर रहे मतदाता

    सभी बीएलओ ने अधिकतर फार्म का वितरण भी कर दिया वितरण के बाद भरे हुए फार्म बीएलओ को वापस नहीं मिल रहे हैं। ज्यादातर बीएलओ ने बताया कि मतदाता अपने फार्म को घर में रखकर बैठे है भरकर वापस नहीं कर रहे। दूसरा बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता है जिनके वोट गांव में है लेकिन वे नौकरी या व्यवसाय करने के लिए शहरों में रहते हैं।

    ऐसे में उन मतदाताओं के फार्म उनके परिवार और खानदान के लोगों ने लेकर रख लिए लेकिन उनके गांव न आने की वजह फार्म वापस नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे एसआइआर का काम तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। रविवार के दिन बीएलओ से लेकर सुपरवाइजर और तहसील के अधिकारियों ने छुट्टी के बावजूद दिनभर बूथों के चक्कर लगाए उसके बाद भी रविवार को मात्र कुल मतदाताओं के 15 प्रतिशत फार्म ही वापस मिल पाए हैं।