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    Greater Noida Housing Scheme: ग्रेटर नोएडा में अपना घर खरीदने का मिलेगा मौका, जल्द आएगी फ्लैट योजना 

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 11:07 AM (IST)

    Greater Noida Housing Scheme 2025: ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने का सुनहरा अवसर आने वाला है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जल्द ही एक नई फ्लैट योजना शुरू करने जा रहा है। इस योजना के तहत, विभिन्न आकार और प्रकार के फ्लैट उपलब्ध होंगे, जिससे हर आय वर्ग के लोग अपनी जरूरत के अनुसार घर खरीद सकेंगे। योजना की विस्तृत जानकारी जल्द ही प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।

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    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सेक्टर ओमीक्रान वन में स्थित बहुमंजिला आवासीय इमारतों के फ्लैटों की बिक्री के लिए जल्द योजना लाने की बोर्ड ने अनुमति दे दी है। शनिवार को योजना के ब्रोशर व नियम-शर्तों को स्वीकृति दी गई। इस योजना में ऑनलाइन आवेदन होगा। ई-नीलमी से आवंटन होगा।

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    कॉर्पस फंड से ग्रेनो का होगा रखरखाव

    ग्रेटर नोएडा के आधारभूत ढांचे के रखरखाव में पैसे की कमी आड़े आ रही है। इससे वजह से शहर की ढांचागत सुविधाएं लगातार बद से बदतर हो रही हैं। शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर और हरियाली को बरकरार रखने के लिए सीईओ एनजी रवि कुमार ने पहल करते हुए रखरखाव को कारपस फंड बनाया है। बोर्ड ने इसे अपनी सहमति दे दी।

    इस फंड का इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इससे इंफ्रा के रखरखाव में पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी। भविष्य में प्राधिकरण की आमदनी कम होने पर इस फंड से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर, मसलन सड़क, सीवर, नाली, विद्युत, उद्यान आदि का रखरखाव हो सकेगा।

    यह फंड राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा। इस फंड में लीज रेंट, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, रेस्टोरेशन चार्जेज, टाइम एक्सटेंशन चार्ज आदि से प्राप्त होने वाली धनराशि को रखा जाएगा। इस फंड का उपयोग बोर्ड की सहमति से सीईओ की अनुमति लेकर किया जाएगा।

    ई-साइकिल संचालन की राह आसान

    प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रेटर नोएडा में ई-साइकिलिंग के संचालित को मंजूरी दे दी है। इसे बीओटी (बिल्ट- आपरेट- ट्रांसफर) के आधार पर लागू किया जाएगा। ई-निविदा से चयनित एजेंसी को साइकिल स्टेशन बनाने निर्धारित समयावधि के तहत अलग-अलग जगहों पर 25 वर्ग मीटर जगह दी जाएगी।

    इस पर आने वाला खर्च निविदाकार वहन करेगा। ई साइकिल चलने से सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होने के साथ पर्यावरण स्वच्छ होगा। लोगों को अंतिम गंतव्य तक पहुंचने का विकल्प मिलेगा।