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    ग्रेटर नोएडा: बुजुर्ग साइबर ठगी का शिकार, बिटकॉइन ट्रेडिंग में गंवाए लाखों

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:47 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में 83 वर्षीय बुजुर्ग साइबर ठगी का शिकार हुए, जिनसे बिटकॉइन फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 50.50 लाख रुपये ठगे गए। जालसाजों ने उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर निवेश का लालच दिया और धार्मिक कार्यों के लिए दान करने की बात कही। परिवार को शक होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    ग्रेटर नोएडा में 83 वर्षीय बुजुर्ग साइबर ठगी का शिकार हुए

    जागरण संवाददाता, नोएडा। साइबर जालसाजों ने ग्रेटर नोएडा सेक्टर 3 निवासी 83 वर्षीय बुजुर्ग को बिटकॉइन फॉरेक्स ट्रेडिंग के विज्ञापनों का लालच देकर कई लेन-देन में 50.50 लाख रुपये की ठगी कर ली। इंटरनेट पर विज्ञान का प्रचार करने के नाम पर जालसाजों ने उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा और खाते की पूरी जानकारी हासिल कर ली।

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    बाद में, उन्होंने लाभ एक धार्मिक संस्था को दान करने की इच्छा जताई। उनके खाते से ऑनलाइन लेनदेन का पता चलने पर, उनके परिवार को शक हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।

    पीड़ित शैलेंद्र कुमार गुप्ता, एक निजी कंपनी से सेवानिवृत्त और ग्रेटर नोएडा में अकेले रहते हैं। वह गुड़गांव में रहते हैं। 1 अगस्त को, एक अज्ञात नंबर से कॉल करने वाले ने बुजुर्ग व्यक्ति के बैंक बैलेंस और यात्रा सहित अन्य रुचियों की जानकारी मांगी। फिर जालसाजों ने उन्हें बताया कि वह अपना पैसा निवेश कर सकते हैं और शेष राशि धार्मिक संस्थाओं और तीर्थयात्राओं पर खर्च कर सकते हैं। इस योजना के तहत, जालसाजों ने उनसे ओएसएल नामक एक ऐप डाउनलोड करवाया।

    फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा लगाने के नाम पर वह जाल में फंस गए और पहली बार बिटकॉइन में 50 डॉलर का निवेश किया। 13 अगस्त को जालसाजों ने बदले में 4900 रुपये का लाभ बुजुर्ग के खाते में ट्रांसफर कर दिया। जालसाजों ने उन्हें भरोसे में लेकर सात किश्तों में 20 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करने के लिए राजी कर लिया। इस तरह 17 से ज्यादा किश्तों में 40.5 लाख रुपये जालसाजों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। उन्हें अपने निवेश पर बढ़ता मुनाफा दिखाई दिया।

    अक्टूबर में वह अपने परिवार के साथ बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा पर गए थे। तभी जालसाजों ने उनसे व्हाट्सएप पर संपर्क किया और तुरंत 10 लाख रुपये निवेश करने का दबाव बनाया। जब उनके खाते में पैसे नहीं थे, तो उन्होंने म्यूचुअल फंड से 10 लाख रुपये का लोन लेकर जालसाजों को दे दिए। यह जानकर उनके परिवार के होश उड़ गए और बुजुर्ग को साइबर ठगी की जानकारी दी।

    धोखेबाजों ने किया ब्रेनवॉश, निवेश की आड़ में शुरू किया खेल

    बुजुर्ग की बेटी को धोखाधड़ी का पता चला। धोखेबाजों ने उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें जाल में फँसाया था। एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि वे बुजुर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले की जाँच कर रहे हैं। धोखाधड़ी की रकम को फ्रीज कर दिया गया है और संबंधित बैंक अधिकारियों से संपर्क किया गया है।