नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ठंड से ठिठुर रहे असहाय, अभी तक क्यों नहीं बने शहर में रैन बसेरे?
ग्रेटर नोएडा में कड़ाके की ठंड से बेसहारा लोग परेशान हैं क्योंकि शहर में अभी तक रैन बसेरों का निर्माण नहीं हुआ है। नगर निगम की लापरवाही के कारण गरीबों ...और पढ़ें

ठंड से बचाव को अलाव किनारे बैठे लोग।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सुबह-शाम ठिठुरन साफ महसूस होने लगी है। रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है। प्रदेशभर मे ठंड का असर पिछले कुछ दिनों की तुलना में और भी ज्यादा तेज हो गया है। ठंड से बचाव को लोग अलाव का सहरा लेने लगे हैं। वहीं प्रशासन ने अभी तक लोगों को ठंड से बचाने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किए हैं। न तो कहीं अलाव की व्यवस्था की है और न ही रैन बसेरे बने हैं।
जिले में रविवार को न्यूनतम पारा 15 से 17 डिग्री सेल्सियस रहा। जिसने लोगों को ठिठुरन का अहसास कराया। सर्दी बढ़ते ही प्रशासन की ओर से अलाव और रैन बसेरे की व्यवस्था की जाती है, लेकिन अभी तक ऐसे कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं। सार्वजनिक स्थल, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे नहीं बनाए गए हैं।
लोगों को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना
सर्दी से बचाव को शहर में सार्जनिक स्थलों पर रैन बसेरा बनाने के साथ ही अलाव जलाए जाते हैं। पिछले साल नवंबर की शुरुआत होने से पहले परीचौक, सेक्टर पीथ्री स्थित बारात घर, सेक्टर डेल्टा स्थित बारात घर, हबीबपुर, रोजा याकुबपुर के साथ जिम्स अस्पताल परिसर में रैन बसेरा बना दिए गए थे। । सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था कर दी गई थी, लेकिन इस दिशा में प्रशासनिक स्तर से अभी तक कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है।
रैन बसेरा के साथ अलाव न जलने की वजह से लोगों को परेशानी होना शुरू हो गई है। जिम्स अस्पताल में रोजाना सर्दी जुकाम, अस्थमा, हार्ट अटैक और जोड़ों के दर्द के मरीज आ रहे है। वहीं यहां आने वाले मरीजों के तीमारदारों के लिए अभी तक रैन बसेरा नहीं बनाया गया है। जिससे उन्हें खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कासना स्थित बस डिपो के भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। यहां आने वाले यात्रियों को खुले में बैठना पड़ रहा है।
समाजसेवियों ने प्रशासन से की मांग
लोग ठंड से बचे समाजसेवियों ने जिला प्रशासन से सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने व रैन बसेरा बनाए जाने की मांग की है। समाजसेवी संगठनों ने कुछ स्थान भी चिह्नित किए हैं जहां अलाव जलाने की आवश्यकता है।
अलाव जलाने व रैन बसेरा बनवाने के लिए स्थानों का चयन कर सूची संबंधित अधिकारियों को सौंपी गई है। जिसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चौक-चौराहे भी शामिल है। जहां समाजसेवी संगठनों ने जिला प्रशासन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में विभिन्न स्थान सुझाते हैं अलाव व रैनबसेरा बनाने की मांग की है। जिसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट का किसान चौक, एक मूर्ति गोलचक्कर, डीपार्क चौकी समेत निर्माणाधीन बिल्डर परियोजनाओं के समीप झुग्गी झोपड़ी शामिल है।
पांच सौ लोगों के लिए प्राधिकरण तैयार करेगा रैन बसेरा, दस दिसंबर से होंगे संचालित
सर्दी में गरीब ठंड में न ठिठुरे इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक से लेकर दस वर्क सर्किल तक रैन बसेरा संचालित करने का आदेश दिया है। इसके तहत दस दिसंबर तक सभी रैन बसरा तैयार कर उसमें सुविधा उपलब्ध कराने को कहा है। करीब पांच सौ लोगों के लिए दस रैन बसेरा प्राधिकरण की ओर से तैयार कराया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
सेक्टर-21 ए स्थित नोएडा स्टेडियम में रैन बसेरा बनाने के साथ-साथ सभी सेक्टरों के सामुदायिक भवन में रैन बसेरा को तैयार किया जाएगा। इसमें वर्क सर्किल-एक, चार, पांच, छह, आठ, नौ, दस के वरिष्ठ प्रबंधकों को विशेष निर्देश प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम की ओर से जारी किया गया है, क्योंकि अधिकांश आबादी वाले क्षेत्र इन्हीं सर्किल के अधीन है।
ठंड बढ़ने लगी है। जरूरतमंद लोगों तक प्रशासन की सहायता पहुंचे कुछ नए स्थान सुझाते हुए अलाव जलाने व रैन बसेरा बनवाने की मांग की गई है।
-विकास कुमार, समाजसेवी
हर साल नवंबर महीने से पहले सर्दी से बचाव को रैन बसेरा बनने का काम शुरू हो जाता था। पिछले सप्ताह इसकी मांग जिला प्रशासन से की गई थी, लेकिन इस दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है। जिससे सड़क पर रात गुजारने वाले गरीब व असहाय लोगों को परेशानी होने लगी है।
-हरेंद्र भाटी, समाजसेवी

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