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    फ्लैटों की रजिस्ट्री न करने वाले 13 बिल्डरों पर कसेगा शिकंजा, लाभ वापस लेगा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 11:34 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में फ्लैटों की रजिस्ट्री न करने वाले 13 बिल्डरों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ वापस लिया जाएगा। प्राधिकरण ने खरीदारों के हित में यह फैसला लिया है, ताकि रुकी हुई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा सके और लोगों को उनके फ्लैट मिल सकें।

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    हाईराइज बिल्डिंग की सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के बावजूद खरीदारों के पक्ष में फ्लैट की रजिस्ट्री न करने वाले 13 बिल्डरों पर शिकंजा कसेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 141 वीं बोर्ड बैठक में आइडीसी एवं नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण चेयरमैन दीपक कुमार ने बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई दिए हैं। इसके अलावा अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के तहत मिले लाभ को वापस लेने के सख्त निर्देश दिए हैं।

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    चेयरमैन दीपक कुमार ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अब तक न तो बायर्स के नाम रजिस्ट्री शुरू की है और न ही प्राधिकरण का बकाया धनराशि जमा की है। उन्हें अब और वक्त देने का कोई लाभ नहीं है। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इन बिल्डरों में एवीजे डेवलपर्स सेक्टर बीटा टू, एमएसएक्स रियलटेक सेक्टर अल्फा वन, ज्योतिर्मय इंफ्राकान सेक्टर-16सी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग सेक्टर-1, एलिगेंट इंफ्राकान सेक्टर टेकजोन-4 आदि शामिल हैं।

    बोर्ड ने बिल्डरों पर कार्रवाई के दौरान खरीदारों के हित को ध्यान में रखने के भी प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिए। गौरतलब है कि अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को दूर करने के लिए नीति लागू की गई थी।

    अब तक 98 में से 85 बिल्डर परियोजनाओं को इसका लाभ मिला है। इन परियोजनाओं को पूरा कर लगभग 18 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री हुई है। बाकी 13 बिल्डरों ने खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करने का दिशा में कोई काम नहीं कयिा। ऐसे बिल्डरों पर ही अब कार्रवाई के लिए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

    प्राधिकरण के इस रुख से खरीदारों को फ्लैट का मालिकाना हक मिलने में और तेजी आएगी। रुकी हुई परियोजनाओं का काम तेजी से पूरा होगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार समेत एसीईओ व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।