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    ग्रेटर नोएडा में अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट होंगे पूरे, हजारों घर खरीदारों को होगा फायदा 

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 09:45 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों के लिए खुशखबरी है। विवादों में फंसे हाउसिंग प्रोजेक्ट अब पूरे होंगे। सरकार की विशेष योजना से अटके प्रोजेक्टों को वित्तीय सहायता मिलेगी। इससे हजारों घर खरीदारों को राहत मिलेगी, जो वर्षों से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं। रियल एस्टेट बाजार में भी तेजी आने की उम्मीद है।

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। कानूनी विवादों में फंसे ग्रुप हाउसिंग व टाउनशिप परियोजना में फंसे घर खरीदारों के लिए यमुना प्राधिकरण एक नई उम्मीद दे सकता है। यीडा करी एंड ब्राउन से छह परियोजनाओं को सर्वे कराने जा रहा है, जो कानूनी विवादों में फंसे होने के कारण पूरे नहीं हो पाए हैं।

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    सर्वे के बाद इन परियोजनाओं को पूरा कराने की जिम्मेदारी लेना प्राधिकरण के हित में है या नहीं, यह पता लगाया जाएगा। हित में होने की स्थिति में न्यायालय के समक्ष प्राधिकरण परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेगा और घर खरीदारों को कब्जा देगा। इससे परियोजना में फंसे तकरीबन पांच से छह हजार खरीदारों को अपना घर मिल सकता है।

    यीडा की कितनी टाउनशिप परियोजनाओं में है विवाद

    अधूरी बिल्डर परियोजनाओं को पूरा कराकर खरीदारों को घर देने के लिए प्रदेश सरकार ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किया था। यीडा क्षेत्र की सात बिल्डर परियोजनाओं के लिए इसमें आवेदन किया गया। बकाया राशि का 25 प्रतशित जमा कराकर परियोजना की बाधा दूर की गई है, लेकिन यीडा में छह टाउनशिप परियोजनाएं हैं जो जमीनी विवाद, अतिरिक्त मुआवजा, लोन आदि को लेकर अभी भी फंसी हुई हैं। हाइकोर्ट या एनसीएलटी में विचाराधीन होने के कारण अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के लाभ के लिए भी आवेदन नहीं हो सका।

    प्राधिकरण ने इन परियोजनाओं को उबारने के लिए पहल करने का निर्णय लिया है। इसके तहत करी एंड ब्राउन एजेंसी से परियोजनाओं का सर्वे कराया जाएगा। इसके तहत परियोजना में खरीदार, निवेश राशि, खरीदारों से वसूली गई व बकाया राशि, बैंक आदि से लिए गए ऋण, परियोजना के लिए आवंटित जमीन के एवज में अतिरिक्त मुआवजा राशि की स्थिति, परियोजना में आवंटित जमीन की स्थिति का आंकलन आदि किया जाएगा।

    यह देखा जाएगा कि अगर प्राधिकरण अगर परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी खुद लेता है तो उसे कितना खर्च करना होगा, इस राशि का प्राधिकरण परियोजनाओं के खरीदारों, परियोजना में विक्रय से शेष बची जमीन को दोबारा आवंटित कर कितनी राशि का प्रबंध कर पाएगा।

    अगर सर्वे के हिसाब से परियोजना की जिम्मेदारी लेना प्राधिकरण के हित में होगा तो न्यायालय में प्राधिकरण की ओर इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। इससे परियोजना में फंसे खरीदारों का घर पर कब्जा मिलने के साथ वित्तीय संस्थान, प्राधिकरण व किसानों आदि को उनकी बकाया राशि भी मिल सकेगी। इसका प्रस्ताव आगामी सात नवंबर को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में रखा जा सकता है। यीडा क्षेत्र की बिल्डर परियोजना में करीब दस हजार खरीदार है।

    प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि घर खरीदारों के हित में अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रास्ता तलाश किया जा रहा है। करी एंड ब्राउन के सर्वे के बाद अंतिम रूप से फैसला लिया जाएगा।