ग्रेटर नोएडा: प्रसाद में जहर? फोरेंसिक जांच से खुलेगा रहस्य
ग्रेटर नोएडा के एक मंदिर में प्रसाद खाने से फूड पॉइजनिंग की घटना के बाद, पुलिस ने फोरेंसिक जांच का आदेश दिया है। जाँच से प्रसाद में मिलावट का पता चलेगा। प्रारंभिक जांच में कास्टिक सोडा की आशंका है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष फोरेंसिक रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। घटना से गांव में दहशत का माहौल है, क्योंकि मंदिर में पहली बार ऐसी घटना हुई है।
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ग्रेटर नोएडा के एक मंदिर में प्रसाद खाने से फूड पॉइजनिंग की घटना के बाद, पुलिस ने फोरेंसिक जांच का आदेश दिया है।
आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र में स्थित चक शाहबेरी गांव में शीतला देवी मंदिर से प्रसाद खाने के बाद फूड पॉइजनिंग मामले की अब फोरेंसिक जांच की जाएगी। लैब में फोरेंसिक जांच से प्रसाद में मिलावट और क्वालिटी का पता चलेगा।
जिला फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट की एक टीम मौके पर पहुंची, लेकिन प्रसाद का सैंपल स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरा, इसलिए पुलिस ने प्रसाद की फोरेंसिक जांच कराने का फैसला किया।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र में स्थित चक शाहबेरी गांव में शीतला देवी मंदिर से बुधवार सुबह 7 बजे प्रसाद खाने के बाद सात लोग बीमार पड़ गए। पुलिस का मानना है कि पुजारी ने गलती से प्रसाद समझकर कास्टिक सोडा बांट दिया, जबकि पुजारी का कहना है कि यह घटना अचानक नहीं हुई।
किसी ने जानबूझकर साजिश के तहत प्रसाद में कुछ मिलाकर गेट पर लटका दिया। प्रसाद खाने के बाद सातों लोग बीमार पड़ गए। गांव में भी तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। गांव वालों का कहना है कि किसी ने उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए प्रसाद में कुछ मिलाया था।
CCTV कैमरे न होने से जांच में मुश्किलें आएंगी
मंदिर परिसर या आस-पास के इलाकों में CCTV कैमरे नहीं लगे होने की वजह से प्रसाद छोड़ने वाले तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल साबित होगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में पुलिस दावा कर रही है कि प्रसाद में कास्टिक सोडा था, लेकिन प्रसाद में क्या मिलाया गया था, इसकी सच्चाई फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी।
पुलिस का मानना है कि मूर्तियों की सफाई के लिए रखा गया कास्टिक सोडा प्रसाद समझकर गलती से लोगों में बांट दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन उसे यह कोई साजिश नहीं लग रही है। इस घटना से गांव वालों में दहशत का माहौल है।
चक शाहबेरी गांव के लोगों ने बताया कि मंदिर 100 साल पुराना है और लोग यहां श्रद्धा से पूजा करते थे। लेकिन, यहां पहली बार ऐसी घटना होने से दहशत का माहौल है। गांव के रहने वाले जयप्रकाश का कहना है कि जब से मंदिर में ऐसी घटनाएं हुई हैं, तब से वे अब किसी से कुछ भी लेने या खाने में भी डर रहे हैं। पहले यहां लोग बिना किसी धर्म या जाति के भेदभाव के रहते थे। एक खास धर्म के लोगों ने मंदिर परिसर में लाइटिंग लगाई थी।
हमारी टीम सैंपल नहीं ले पाई क्योंकि प्रसाद स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरा। हालांकि, पुलिस फोरेंसिक जांच कर रही है। स्टैंडर्ड के मुताबिक, हर स्लॉट में कम से कम 500 ग्राम का सैंपल होना चाहिए।
- सर्वेश मिश्रा, असिस्टेंट फूड कमिश्नर II

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