32 प्रकार की चटनी और 18 प्रकार की रोटियों से सजी है हरियाणा की भोजन विरासत
अजय चौहान नोएडा देसां में देस हरियाणा जित दूध-दही का खाणा यह कहावत हरियाणा की सम

अजय चौहान, नोएडा:
'देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा' यह कहावत हरियाणा की समृद्धिशाली भोजन विरासत को बयां करती है। आज भी देश भर में हरियाणा के पौष्टिक भोजन की चर्चा आम रहती है। यहां के खाद्य व्यंजनों की एक खास पहचान रही है, लेकिन समय के साथ यह लुप्त होती जा रही है। इस विरासत को संजोने के लिए नोएडा स्थित राष्ट्रीय पाक कला संस्थान के प्रोफेसर डा. सुनील ने हरियाणा व इसके आसपास के क्षेत्र के भोजन पर शोध किया। उन्होंने भोजन के इतिहास, प्रयुक्त सामग्री, शामिल पौष्टिक तत्व के बारे विस्तार से जानकारी जुटाई है।
डा. सुनील कुमार के मुताबिक हरियाणा में हजारों की तादाद में व्यंजन हैं। इसमें से कुछ सीजनल बनते हैं, जबकि कुछ वर्ष भर खाए जाते हैं।
यहां केवल 18 प्रकार की रोटियां ही बनती रही हैं। इसमें 10 सीजनल हैं, जबकि आठ पूरे साल खाई जाती है। चटनी के 32 प्रकार उपलब्ध हैं। इसी तरह हरियाणा का प्रसिद्ध चूरमा भी सात प्रकार का होता है। इसके अलावा दूध के भी विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ यहां बनाए और खाए जाते हैं। डा. सुनील ने शोध के लिए हरियाणा के सभी जनपदों के 2200 परिवारों, किताबों और विशेषज्ञों की मदद से यह जानकारी जुटाई है। उन्होंने हरियाणा पर्यटन विभाग को अपने रेस्त्रां में स्थानीय व्यंजन शामिल करने के लिए सुझाव दिए हैं। जल्द ही वह इसे किताब की शक्ल में सामने लाएंगे। ----
18 प्रकार की रोटियां
मीठी गुड़ की रोटी, सिघाड़े के आटे की रोटी, टिकड़ा, मूली की रोटी, फुल्का, दाल की रोटी, मेथी की रोटी, बथुए की रोटी, ज्वार की रोटी, गाजर की रोटी, बाजरे-आलू की रोटी, बाजरे की रोटी, आलू की रोटी, बेसन मसाला रोटी, पालक की रोटी। 32 प्रकार की चटनियां आम की बौर की चटनी, आम की चटनी, आलू की चटनी, आलू-लहसुन की चटनी, अमरूद की चटनी, अमरूद-अदरक की चटनी, अनारदाना-जीरा चटनी, अंगूर की चटनी, चने के पत्तों की चटनी, आलू-टमाटर-धनिया की चटनी, भूने आलू की चटनी, हरा धनिया और चोलिया की चटनी, हरा धनिया और प्याज की चटनी, हरी मिर्च की चटनी, इमली की चटनी, कच्चे आम और लहसुन की चटनी, कचरी की चटनी, कड़ी पत्ते की चटनी, कच्चे केले की चटनी, खीरा-टमाटर-प्याज की चटनी, लहसुन व लाल मिर्च की चटनी, मरवाह, पाबरी की चटनी, मटर की चटनी, मेथी के पत्तों की चटनी, पालक की चटनी, पुदीना-लहसुन की चटनी, पुदीना-प्याज की चटनी, प्याज-टमाटर चटनी, सूखा धनिया की चटनी, हरे धनिया की चटनी, टीट की चटनी।
सात प्रकार का चूरमा - बाजरे की रोटी का, चीनी का, गुड़ का, पराठे का, पूरी का, शक्कर का, चाकलेट का। ---
पांच प्रकार की भोजन संस्कृति अहिरवाल- महेंद्रगढ़ व गुजरात से लगा क्षेत्र
मेवात- फरीदाबाद, गुरुग्राम,
बांगर- सिरसा, फतेहगढ़, भिवानी
नादक- कुरूक्षेत्र, करनाल, अंबावत
खादर- रोहतक, झझर, जींद ----
पौष्टिकता से भरपूर शाकाहारी व्यंजन भोजन से किसी भी समाज के उत्थान से लेकर वर्तमान तक की पहचान हो जाती है। हरियाणा में शाकाहारी व्यंजनों की विरासत रही है। डा. सुनील ने बताया कि पारंपरिक खाद्य पदार्थो में सभी प्रकार के पौष्टिक तत्व शामिल है। खास बात है कि इनको आसानी हर कोई बना सकता है। ज्यादातर व्यंजन अनाज, दूध, सब्जी और फलों के प्रयोग से बनते हैं।
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