Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fire Crackers: आतिशबाजी के धुएं से जा सकती है आंखों की रोशनी, दीपावली पर बरतें ये सावधानियां

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 10:52 AM (IST)

    दीपावली पर आतिशबाजी करते समय सावधानी बरतें। आतिशबाजी के धुएं में फास्फोरस होता है, जिससे आंखों में जलन, एलर्जी और गंभीर नुकसान हो सकता है। अनार और चकरी से 5-10 मीटर की दूरी रखें। आतिशबाजी के बाद हाथों और आंखों को धोएं, आंखों को रगड़ें नहीं और सुरक्षा के लिए चश्मा पहनें।

    Hero Image

    आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। दीपावली के जश्न को दोगुना करने के लिए हर कोई आतिशबाजी छुटाता है, लेकिन लोगों को आतिशबाजी छुड़ाने के दौरान एक नियमित दूरी को ध्यान में रखने की जरूरत है। इससे निकलने वाले धुंए से आंखों में जलन और दर्द, संक्रमण-एलर्जी, रेटिना को गंभीर नुकसान के अलावा मोतियाबिंद और दृष्टि संबंधी समस्याएं और आंखों की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार नजदीक ही ब्लास्ट होने से आंखों की रोशनी तक जाने की संभावना रहती है।

    नेत्ररोग विशेषज्ञों का कहना है कि आतिशबाजी में उपयोग में लाई जाने वाली बारूद में फासफोरस का मिश्रण किया जाता है। इससे निकलने वाला धुआं से आंखों में जलन और एलर्जी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। अगर यह ज्यादा नजदीक तेजी से ब्लास्ट होता है तो आंखों में चोट लगने से रेटिना को नुकसान पहुंचने के अलावा मोतियाबिंद और रोशनी तक जाने की संभावना रहती है। बच्चों की मांसपेशियों में मजबूती नहीं होने के कारण अधिक खतरनाक साबित होता है। इसलिए बच्चों को विशेषकर आतिशबाजी छुड़ाते समय दूर रखना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इतनी दूरी रखें बरकरार 

    अनार, चकरी को छुड़ाते समय पांच से 10 मीटर की दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इसके अलावा मस्ताफ और फुलजड़ी में करीब एक मीटर, तेज आवाज वाले पटाखा में 10 मीटर दूरी और कम आवाज वाले पटाखे में पांच मीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिए।

    ऐसे बरतें सावधानी 

    • आतिशबाजी छुड़ाने के तुरंत बाद हाथों को पानी से धुलें
    • आंखों को साफ पानी से धोएं
    • आंखों को रगड़ने से बचें
    • आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा पहनें
    • पटाखों को नजदीक से न जलाएं



    आतिशबाजी छुड़ाते समय लोगों को पांच से 10 मीटर की दूरी बना रखनी चाहिए। इससे निकलने वाले धुंए का प्रभाव आखों की सीधे रेटिना पर रहता है। कई बार अचानक से ब्लास्ट होने से आंखों पर चोट लग जाती है। इससे एलर्जी होने से लेकर रोशनी तक जाने की संभावना रहती है।


    -

    - डा. कृष्ण कुलदीप गुप्ता, प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष नेत्ररोग विभाग, जिम्स