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    नोएडा में रबी फसल को सूखने की कगार पर, किसानों ने सिंचाई विभाग को दी चेतावनी!

    Updated: Sat, 29 Nov 2025 01:30 PM (IST)

    जेवर में किसान रबी फसलों की सिंचाई के लिए परेशान हैं क्योंकि नहरों में सिल्ट हटाने के बाद भी पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। किसानों का कहना है कि स ...और पढ़ें

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    जेवर क्षेत्र में पानी न आने से सूखा पड़ा रजवाहा। जागरण


    मनोज कुमार शर्मा, जेवर। किसानों की रबी की फसलें खेतों में उगकर सिंचाई के लिए तैयार हैं, लेकिन सिल्ट हटाने के बाद पानी की सप्लाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। गौतम बुद्ध नगर में ज़्यादातर किसान मौसम के हिसाब से अक्टूबर के आखिर या नवंबर के बीच में अपनी फसलें बोते हैं। इसलिए, फसलों को 15 नवंबर के आसपास सिंचाई की जरूरत होती है।

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    किसानों का आरोप है कि सिल्ट हटाने के कारण सितंबर में पानी की सप्लाई बंद कर दी गई थी, जिससे बुआई नहीं हो पाई और अब सिंचाई के लिए भी दिक्कतें आ रही हैं।

    गौतम बुद्ध नगर जिले में सिंचाई गंगा नहर से निकलने वाली नहरों और नहरों से होती है। इन नहरों और नहरों से गौतम बुद्ध नगर से अलीगढ़ और फिर मथुरा तक के किसानों की फसलों की सिंचाई होती है। नहरों के आखिरी सिरे तक पानी पहुंचे, यह पक्का करने के लिए सिंचाई विभाग ने अक्टूबर में सिल्ट हटाने और सफाई का काम शुरू किया था, जो नवंबर में पूरा हो गया। हालांकि, आलू, गेहूं, जौ, जई, सरसों और दालों जैसी रबी की फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को पानी का बेसब्री से इंतजार है।

    किसानों का मानना है कि गेहूं और जौ की फसलों को बुआई के ठीक 21 दिन बाद सिंचाई की ज़रूरत होती है। नहरों और नहरों में पानी की कमी से अब फसलों को नुकसान हो रहा है। सिंचाई विभाग लगातार आश्वासन दे रहा है। किसानों का आरोप है कि जब भी वे सिंचाई विभाग से पानी छोड़ने की मांग करते हैं तो उन्हें सिर्फ जल्द पानी छोड़ने का आश्वासन दिया जाता है। लेकिन, वे पिछले 15 दिनों से पानी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

    बुवाई के समय भी रबी की फसलें कम पानी में बोई गई थीं, लेकिन नहरें और नहरें अभी भी सूखी हैं। मांग पत्र दे दिया गया है, तीन दिन में सप्लाई शुरू हो जाएगी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज त्यागी ने बताया कि किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए मांग पत्र दे दिया गया है। 30 नवंबर तक नहरों में पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। किसान भरोसा रखें कि जैसे ही नहर में पानी आएगा, ड्रेनों और माइनरों के टेल तक सप्लाई दी जाएगी।