Move to Jagran APP

संशोधित 12 साल बाद भी आशियाने के इंतजार में अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर केनिवेशक

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा जीवनभर की जमा पूंजी लगाने के 12 साल बाद भी अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 09:42 PM (IST)
संशोधित 12 साल बाद भी आशियाने के इंतजार में अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर केनिवेशक
संशोधित 12 साल बाद भी आशियाने के इंतजार में अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर केनिवेशक

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जीवनभर की जमा पूंजी लगाने के 12 साल बाद भी अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डर के फ्लैट खरीदारों के आशियाने और दुकान का सपना आज भी अधूरा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर नालेज पार्क पांच स्थित सफायर कोर्ट का ढांचा आज बदहाली की तस्वीर पेश कर रहा है। माल के साथ रिहायश वाली इस परियोजना का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था। तीन टावरों में ढाई सौ यूनिट का निर्माण होना था, लेकिन बिल्डर द्वारा खरीदारों के साथ की गई धोखाधड़ी इस परियोजना को परवान चढ़ने में बाधा बन गई। खरीदारों से बुकिग के नाम पर करोड़ों रुपये वसूलकर बिल्डर ने निर्माण नहीं किया। इतना ही नहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बकाया भुगतान भी नहीं किया। प्राधिकरण का अक्टूबर 2021 तक 10 करोड़ रुपये से अधिक बकाया हो गया था, यह बढ़कर अब और अधिक हो गया है। इस समय परियोजना नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में है। निवेशकों को उम्मीद है कि उनके साथ न्याय होगा।

loksabha election banner

वर्ष 2010 में प्राधिकरण ने अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को जमीन आवंटित की थी। संस्थागत परियोजना में दुकानों के साथ ही आफिस, स्टूडियो अपार्टमेंट और फ्लैट का निर्माण होना था। बिल्डर के समय पर डिलीवरी के वादे ने खरीदारों को मजबूर कर दिया। जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना को पूरा करने में करीब 163.77 करोड़ खर्च होने का आकलन किया गया था। 20911 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में इसे बनाया जाना था। 2017 तक इसका 60 फीसद के करीब ही निर्माण हो सका। इसके बाद मामला एनसीएलटी में चला गया। परिसर में जगह-जगह प्लास्टर उखड़ गए हैं, लंबी-लंबी झाड़ियां उग गई हैं, जलभराव से फर्श पर गड्ढे हो गए हैं। लोहे आदि को असामाजिक तत्व उखाड़ कर ले गए। एक व्यक्ति की सुरक्षा में इसकी देखरेख की जा रही है। गूगल पर परियोजना के पते की कोई जानकारी नहीं है।

------------

अभी भी वेबसाइट पर खरीदारों को किया जा रहा गुमराह

कुछ वेबसाइट आज भी रेडी टू मूव का लुभावना आफर दे रही हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर दिखा कर प्रोजेक्ट को लगभग पूरा बताया जा रहा है। ऐसे में और लोगों के साथ धोखाधड़ी होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। जबकि, जमीनी हकीकत कुछ और है।

-------

प्राधिकरण पर बकाया (अक्टूबर 2021 तक)

लीज रेंट : करीब तीन करोड़ 12 लाख

अतिरिक्त प्रतिकर : करीब दो करोड़ 23 लाख

कंस्ट्रक्शन पेनाल्टी : करीब पांच करोड़ 40 लाख

प्रोजेक्ट की लागत : 16377 लाख

प्रोजेक्ट का क्षेत्रफल : 20911 प्रतिवर्ग मीटर

--------

निर्माण शुरू होने की तिथि : 7-10-2010

निर्माण पूरा होने की तिथि : 31-12-2018


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.