नोएडा में 500 ई-बसों का संचालन कब होगा शुरू? प्राधिकरण ने अभी तक क्यों नहीं दिया जवाब?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र में 500 ई-बसों का संचालन अधर में लटका है। नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने एसपीवी को मंजूरी दे दी है, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की प्रतिक्रिया का इंतजार है। नोएडा प्राधिकरण शासन स्तर पर बातचीत करेगा ताकि संचालन जल्द शुरू हो सके। इन बसों से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। इस परियोजना की लागत 675 करोड़ रुपये है।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र में 500 ई-बसों का संचालन अधर में लटका है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र में चलने वाली 500 ई-बसों के संचालन का इंतजार लंबा होता जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण ने स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) को मंजूरी दे दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
नोडल एजेंसी के रूप में, नोएडा प्राधिकरण शासन स्तर पर बातचीत करेगा ताकि सेवा जल्द बहाल हो सके। ये बसें नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी जोड़ेंगी। बसों के संचालन के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा के बीच एक एसपीवी का गठन किया गया है, जिसमें 48, 26 और 26 प्रतिशत का योगदान है।
इन बसों का संचालन जीबीएन ग्रीन ट्रांसपोर्ट लिमिटेड नाम से किया जाएगा। कंपनी में चार निदेशक और सात सदस्य होंगे। इन निदेशकों में तीनों प्राधिकरणों और एनटीसी के सीईओ शामिल हैं। सदस्य तीनों प्राधिकरणों के एसीईओ होंगे। एसीईओ को एसपीवी में शामिल किया जाना है। इस संबंध में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण को पत्र जारी किए गए थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
इसलिए परियोजना रुकी हुई है। नोएडा में 300 बसें, ग्रेटर नोएडा और YEIDA में 100-100 बसें चलेंगी। बसों का संचालन सकल लागत अनुबंध (GCC) मॉडल के तहत किया जाएगा। इस परियोजना के लिए दो कंपनियों का चयन किया गया है। पहली, ट्रैवल टाइम मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, 9 मीटर लंबी बसों को 54.90 रुपये प्रति किमी की दर से चलाएगी। दूसरी, डेलबस मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड, 12 मीटर लंबी बसों को 67.99 रुपये प्रति किमी की दर से चलाएगी।
इस परियोजना की लागत 675 करोड़ रुपये (₹675 करोड़) है। इसमें ई-बसें, फास्ट चार्जर (240 किलोवाट), प्लांट, उपकरण, औजार और डिपो रखरखाव शामिल हैं। कंपनी 12 वर्षों तक बसों का संचालन करेगी, जिसमें प्रति बस सालाना 72,000 किमी की दूरी तय करेगी

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