यूपी रोडवेज मुख्यालय का अजब-गजब फैसला, जहां सिर्फ सीएनजी बसों का बेड़ा; वहां भेज दी डीजल बसें
उत्तर प्रदेश रोडवेज मुख्यालय ने ग्रेटर नोएडा डिपो में डीजल बसें भेजकर अजीब स्थिति पैदा कर दी है, जबकि डिपो सीएनजी बसों के लिए जाना जाता है। ईंधन और परमिट के अभाव में बसें धूल फांक रही हैं। डिपो में सीएनजी स्टेशन है, पर डीजल का इंतजाम नहीं।

यूपी रोडवेज की बसें।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) मुख्यालय ने अपने अजब-गजब फैसले के तहत सीएनजी आधारित बसों के संचालन वाली ग्रेटर नोएडा डिपो में डीजल बसें भेज दी। डीजल बसों के लिए ईंधन की व्यवस्था व परमिट के इंतजार में ये बसें डिपो परिसर में धूल फांक रही हैं।
दरअसल, यात्रियों की सुविधा के लिए पिछले दिनों यूपी रोडवेज के ग्रेटर नोएडा डिपो को 48 सीट वाली दो मिनी बसें मिली हैं। करीब एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इन बसों के लिए न तो ईंधन की व्यवस्था हो सकी है न ही परमिट मिला है। इस वजह से ये दोनों बसें डिपो में परिसर में खड़ी हैं।
फिलहाल ग्रेटर नोएडा डिपो से सीएनजी की 117 बसें नोएडा, दिल्ली, आगरा, बुलंदशहर, डिबाई, फिरोजाबाद, अलीगढ़ समेत अन्य मार्गों पर संचालित हो रही हैं। इन बसों के लिए डिपो में सीएनजी फीलिंग स्टेशन भी मौजूद हैं। डीजल बसों के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं।
ऐसे में इन बसों के लिए बाहर से ईंधन का इंतजाम करना भी डिपो के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) अनिल कुमार ने बताया कि डिपो पूरी तरह से सीएनजी संचालित है।
यहां 117 सीएनजी बसें चल रही हैं और डिपो में खुद का सीएनजी स्टेशन भी है। अचानक मुख्यालय से दो डीजल मिनी बसें भेज दी गईं। इनके संचालन के लिए बाहर से डीजल भरवाना पड़ेगा, जिसकी अभी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही रूट परमिट भी नहीं मिला है।

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