4 जून 2013: जब धर्मेंद्र ने GIP मॉल में पढ़ा था अपना मशहूर शेर, पूरा मॉल रो पड़ा!
नोएडा के जीआईपी मॉल में 4 जून 2013 को 'यमला पगला दीवाना 2' के प्रमोशन के दौरान धर्मेंद्र ने अपनी सादगी और कविताओं से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने मॉल के स्टाफ से बातचीत की और दर्शकों को फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके ऑटोग्राफ और दोहे आज भी मॉल में लगे हुए हैं, जो उनकी ज़मीनी हकीकत को दर्शाते हैं।

नोएडा के जीआईपी मॉल में 4 जून 2013 को 'यमला पगला दीवाना 2' के प्रमोशन के दौरान धर्मेंद्र ने अपनी सादगी और कविताओं से सबका दिल जीत लिया। फाइल फोटो
चेतना राठौर, नोएडा। यमला पगला दीवाना 2 का प्रमोशन। तारीख थी 4 जून, 2013, और GIP मॉल में बहुत भीड़ थी। लेकिन भीड़ में जो सबसे शांत, सबसे ज़्यादा मुस्कुराता हुआ और सबसे ज़्यादा ज़मीन से जुड़ा हुआ लग रहा था, वह था ही-मैन धर्मेंद्र। उस दिन, यह सामान का मेला नहीं था, यह दिलों का मेला था। "मैं ख्वाहिशों की पूर्ति हूँ, दुआओं का तोहफ़ा हूँ, भगवान की कृपा का वरदान हूं, मैं एक महान मां के प्यार और एक महान पिता की दया का अपार आशीर्वाद हूँ।"
जब उन्होंने माइक्रोफोन पर ये शब्द कहे, तो पूरा मॉल शांत हो गया। फिर तालियों की गड़गड़ाहट हुई। आँसू बह निकले। वह शेर पढ़कर धर्मेंद्र ने दिखा दिया था कि वह सिर्फ़ एक सुपरस्टार ही नहीं, बल्कि एक कवि भी हैं। एक उर्दू कलाकार। अपने माता-पिता का प्यारा बेटा।
भीड़ में से एक बच्चा चिल्लाया, "धर्मेंद्र जी... कोई डायलॉग?" उन्होंने हंसते हुए कहा, "अरे बाबू, आपके पसंदीदा एक्टर की फिल्म आ रही है, है ना? सिनेमा हॉल में जाओ, जी भरकर देखो और बच्चों को आशीर्वाद दो। मुझे बस यही आशीर्वाद चाहिए।" प्रमोशन के लिए बॉबी देओल और सनी देओल भी उनके साथ थे। वे फिल्म के लिए शहर में तीन घंटे तक मॉल में रुके।
प्रमोशनल इवेंट के दौरान उन्होंने दर्शकों से भी बातचीत की। जीआईपी मॉल में मार्केटिंग के एसोसिएट डायरेक्टर सैयद शमीम अनवर ने बताया कि इस दौरान वे मॉल के स्टाफ से मिले और बात की। उन्होंने 300 से 400 स्टाफ मेंबर्स से बात की। उनका व्यक्तित्व इतना शानदार था कि उन्होंने हाउसकीपिंग स्टाफ का भी हालचाल पूछा।
धर्मेंद्र एक ज़मीन से जुड़े इंसान थे, सभी के साथ एक जैसा व्यवहार करते थे। उनके दोहे और ऑटोग्राफ आज भी मॉल में लगे हुए हैं। अपने ऑटोग्राफ में उन्होंने भगवान के आशीर्वाद और रिश्तों के महत्व के बारे में बताया था। शायरी के लिए उनका जुनून और उर्दू भाषा का ज्ञान उनकी पर्सनैलिटी को और निखारता था। उनके साथ बिताए कई घंटों में, हमें कभी ऐसा नहीं लगा कि हम किसी सुपरस्टार के साथ बैठे हैं।
सैयद शमीम अनवर, मार्केटिंग के एसोसिएट डायरेक्टर, GIP मॉल, नोएडा

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