धनौरी वेटलैंड जल्द घोषित हो जाएगी अंतरराष्ट्रीय धरोहर
वैभव तिवारी नोएडा शहर के सबसे बड़े सारस के केंद्र धनौरी वेटलैंड को जल्द अंतररा

वैभव तिवारी, नोएडा :
शहर के सबसे बड़े सारस के केंद्र धनौरी वेटलैंड को जल्द अंतरराष्ट्रीय धरोहरों में शामिल करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। आगामी एक महीने में वर्ल्ड वाइड फंड फार नेचर (डब्ल्यू डब्ल्यू एफ ) अपने प्रस्ताव को तैयार कर वन विभाग को सौंप देगा, जिसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद धनौरी वेटलैंड को श्री राम सारस सेंचुरी एंड वाल्मीकि रामसर आद्र भूमि घोषित कर दिया जाएगा। वन विभाग ने वेटलैंड का संरक्षण करने के लिए वन जीव विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में भारतीय वन्य जीव संस्थान संरक्षण करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
दरअसल, रामसर आद्र भूमि घोषित करने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की तरफ से ईको सिस्टम को उपयुक्त बनाए रखने के साथ पानी की गुणवत्ता, भूमि की स्थिति सहित कई अन्य पहलुओं पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है, जिसमें 90 प्रतिशत तक कार्य पूरा किया जा चुका है, जिला वन अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव का कहना है आगामी एक महीने में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अपना प्रस्ताव सौंपेगा, जिसके बाद जरूरी काम पूरा कर धनौरी वेटलैंड को श्री राम सारस सेंचुरी और वाल्मीकि रामसर आद्र भूमि पूरा करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक एके जानू की तरफ से धनौरी वेटलैंड का संरक्षण करने के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान से संरक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार करने की संस्तुति भी की है।
यूपी के राजकीय पक्षियों का बड़ा केंद्र है धनौरी
तीन गांवों की सीमा धनौरी खुर्द, ठसराना और अमीरपुर बांगर की सीमा पर स्थित धनौरी वेटलैंड में उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की बड़ी संख्या पाई जाती है। 40 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थित धनौरी वेटलैंड की अधिकतर भूमि कृषि क्षेत्र में आती है, जिसमें 25 हेक्टेयर क्षेत्र में हमेशा पानी रहता है। वहीं सितंबर माह में धनौरी में बड़े सारस की संख्या 68 है। साथ ही 16 बच्चे है। वहीं, आठ जोड़े सारस भी हैं। करीब सौ प्रजाति के पक्षी पहुंचते है
धनौरी वेटलैंड में सौ प्रजाति के करीब 20 हजार की संख्या में पक्षी सर्दी के दौरान पहुंचते है। इसमें करीब 40 प्रजाति विदेशों से आए पक्षियों की होती है। साथ ही करीब 60 भारतीय प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते है। इस दौरान यूरो एशियन हाबी, स्पाट बिल बतख यहां पहुंच चुके हैं। आइबिस, जकारा, सारस, कैस्टन, ग्रेटर स्पाटिल, ग्रे लेग गीज, नार्दन शावलर, नार्दन पिनटेल, कामन टील, गोडविट व लिटिल ग्रेब सहित कई विदेशी प्रवासी पक्षी भी यहां आते हैं। वहीं ब्रिटेन के साथ भारत में पाये जाने वाले आइबिस, जकारा, सारस, कैस्टन, ग्रेटर स्पाटिल, ईगल पक्षियों की संख्या भी बढ़ रही है। नौ वर्ष पहले हुई थी खोज
नोएडा सेक्टर-15-ए में रहने वाले बर्ड वाचर डा. आनंद आर्या ने करीब नौ वर्ष पहले वेटलैंड की खोज की थी। शहर के शोर शराबे से दूर दलदली भूमि और खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में जलीय जीव व भोजन की उपलब्धता होने के कारण धनौरी में पक्षियों का जमावड़ा होता है।
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