नोएडा में निर्माणाधीन साइट से सामान चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत चार गिरफ्तार
पुलिस ने एक निर्माणाधीन स्थल से चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के सरगना सहित चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी का माल भी बरामद किया है। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
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सेक्टर 71 स्थित एसीपी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते एडीसीपी संतोष कुमार मिश्रा, पीछे खड़े फेज दो थाना पुलिस की गिरफ्त में निर्माणाधीन साइट से सामान चोरी करने के आरोपित। जागरण
जागरण संवाददाता, नोएडा। बंद पड़ी निर्माणाधीन साइट से सामान चोरी करने वाले गिरोह का फेज दो थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया। पुलिस ने एनएसईजेड मेट्रो स्टेशन के पास से सरगना समेत चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपितों के पास से करीब 50 हजार रुपये कीमत के 48 गत्ते पीवीसी टाइल्स, दो चाकू व एक कार बरामद हुई।
आरोपित पीओपी कामगार बनकर कार से रेकी करते थे और मौका पाकर वारदात करते। सामान बेचने के दौरान आरोपित रविवार को पुलिस के हत्थे चढ़े। पुलिस आरोपितों के साथियों की पहचान और तलाश में जुटी है।
एडीसीपी सेंट्रल नोएडा संतोष कुमार ने बताया कि बीते दिनों एक नामी बिल्डर की सीज निर्माणाधीन साइट से पीवीसी टाइल्स चोरी होने का मामला सामने आया था। अन्य निर्माणाधीन साइट से चोरी होने की सूचना मिली थी। फेज दो थाना प्रभारी विन्ध्यांचल तिवारी की अगुआई में एक टीम बदमाशों की पहचान और तलाश में जुटी थी।
टीम ने गोपनीय सूचना और सर्विलांस की मदद से से कार सवार चार संदिग्ध को रविवार को एनएसईजेड मेट्रो स्टेशन के पास से दबोचा। आरोपितों की पहचान ग्रेटर नोएडा ईकोटेक तीन के वैदपुरा गांव के गुलशनोवर, मुजफ्फरनगर के खुजैड़ा गांव के सोनू खान, ईकोटेक तीन के हल्दौनी मोड़ के सचिन ठाकुर, अलीगढ़ अतरौली के बिजौली गांव के विशाल चौधरी के रूप में हुई।
10-12वीं कक्षा पास हैं आरोपी
वर्तमान में गुलशनोवर व सोनू खान जलपुरा गांव और विशाल कुलेसरा गांव में किराये पर रह रहा है। सोनू अशिक्षित है, जबकि तीनों 10-12वीं कक्षा पास हैं। पूछताछ में पता चला है कि गुलशनोवर गिरोह का सरगना है। वह गिरोह बनाकर कई सालों से चोरी कर रहा है। तीनों पहले फैक्ट्री में काम करते थे, लेकिन गुलशनोवर के संपर्क में आकर वारदात करने लगे।
सभी दिन में पीओपी या अन्य कर्मी बनकर रेकी करते हैं। मौका पाकर साइट पर रखे सामान को चोरी कर ले जाते हैं। पहले सामान को गुप्त जगह पर छिपा दिया जाता है। ग्राहक मिलने पर चोरी के माल को बेच देते हैं। इससे प्राप्त रकम को आपस में बांट लेते हैं। सरगना 40 प्रतिशत हिस्सा लेता है। आरोपित पुलिस ने बचने के लिए ठिकाना बदलते रहते हैं। आपस में बात करने के लिए वाट्सअप काल का उपयोग करते हैं। वारदात के दौरान पकड़े जाने पर लोगों को डराने के लिए चाकू भी रखते हैं।

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