अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह को ध्वस्त करने में जुटी CBI, नोएडा में बैठकर अमेरिकी नागरिकों को शिकार बनाते थे शातिर
सीबीआई 12 वीओआईपी, 12 ईमेल और 34 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने में लगी है। जांच एजेंसी इन डिजिटल माध्यमों से जुड़े डेटा का विश्लेषण क ...और पढ़ें
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सीबीआई की कार्रवाई के दौरान बरामद नकदी और अन्य सामान। सौ. अधिकारी
मुनीश शर्मा, नोएडा। अमेरिकी नागरिकों के सोशल सिक्योरिटी नंबर का दुरुप्रयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग व ड्रग्स डिलीवरी में उपयोग होने का डर दिखाकर ठगने वाला गिरोह के गिरफ्तार किए छह आरोपितों से सीबीआई ने साक्ष्य जुटाए हैं। इनसे मिले 12 वीओआईपी, 12 ईमेल, 34 डिवाइस को जांच में शामिल किया है।
इन साक्ष्यों को गिरोह के नेटवर्क को ध्वस्त और गिरफ्तार ठगों को सख्त सजा दिलाने में अहम कड़ी बताया जा रहा है। अन्य की तलाश कर रही। सीबीआई नई दिल्ली आइओडी के एसपी सुभाष सी जैनी के मुताबिक अमेरिकी नागरिक मैरीलैंड की रहने वाली हांग ली, मैरीलैंड की लिसा येन जिओर्डानो और जर्मनटाउन के सहदेव कोइराला से ठगी में अलग-अलग समय पर 12 वीओआईपी का प्रयोग किया था।
इनके साथ-साथ पीड़ितों को 12 ईमेल आईडी से मनी लांड्रिंग व ड्रग्स डिलीवरी में संलिप्तता के संदेश भेजे थे। आरोपितों से मिले मोबाइल, लैपटॉप आदि 34 इलेक्ट्रानिक उपकरणों से भी कड़ी दर कड़ी जोड़नी शुरू कर दी है।
जांच में आइपी एड्रेस, गूगल अकाउंट, डिवाइस आइएमईआइ नंबर व मैक आईडी को शामिल किया गया है। प्रयोगशाला भेजकर साक्ष्यों से और गहन जानकारी जुटाने के प्रयास हो रहे हैं। पीड़ितों से प्राप्त जानकारी और साक्ष्यों को मिलाकर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। इससे पुलिस को ठगों के नेटवर्क की परत दर परत का पता चल सकेगा। इन पर प्रभावी तरीके से कार्रवाई होना भी सुनिश्चित होगा।
क्या है पूरा मामला?
सीबीआई ने गिरोह के छह आरोपितों को बुधवार और बृहस्पतिवार को नोएडा से दबोचा था। आरोपित शुभम सिंह उर्फ डामनिक, डाल्टनलियन उर्फ माइकल, जार्ज टी. जामलियनलाल उर्फ माइल्स, एल. सेइमिनलन हाओकिप उर्फ रोनी, मंगखोलुन उर्फ मैक्सी, राबर्ट थांगखान्खुआल उर्फ डेविड उर्फ मुनरोइन हैं।

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