ग्रेटर नोएडा में रहने वाले फ्लैट मालिकों को रोजाना हो रहा है घाटा, सामने आया बिल्डरों का चौंकाने वाला कारनामा
Noida News ग्रेटर नोएडा में एनपीसीएल की शह पर बिल्डर सोसायटी में रहने वालों को हर साल करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। यहां पर फिक्स चार्ज से लेकर लोड बढ़ाने तक में उपभोक्ताओं की जेब काटी जा रही है।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) की शह पर बिल्डर ग्रेटर नोएडा की सोसायटी में रहने वालों से हर साल करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं। फिक्स चार्ज से लेकर लोड बढ़ाने तक में उपभोक्ताओं की जेब काटी जा रही है। एनपीसीएल आंखें बंद कर बैठी है। आरोप तो यहां तक हैं कि जब उपभोक्ता उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम (सीजीआरएफ) में जाते हैं तो एनपीसीएल भी बिल्डर का बचाव करने के लिए खड़ी हो जाती है।
ग्रेटर नोएडा की सैकड़ों सोसायटी में लाखों लोग रह रहे हैं। अधिकतर सोसायटी में बिजली आपूर्ति के लिए सिंगल प्वाइंट व्यवस्था है। अर्थात सोसायटी के अंदर फ्लैट तक बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी बिल्डर के हाथ में है। इसी को बिल्डरों ने कमाई का जरिया बना लिया है।
एक भूखंड पर एक से अधिक कनेक्शन
बिल्डर और एनपीसीएल की सांठगांठ के कारण ग्रेटर नोएडा वेस्ट की टाउनशिप के एक ही भूखंड पर एक से अधिक बिजली कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं। घरेलू बिजली कनेक्शन पर वाणिज्यक व निर्माण कार्य में बिजली का उपयोग हो रहा है। जबकि वाणिज्यक व निर्माण कार्य के लिए अलग बिजली दर निर्धारित हैं। कंपनी ने कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध रखी है।
फिक्स चार्ज के नाम पर कट रही उपभोक्ताओं की जेब
बिल्डर फिक्स चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं की जेब काट रहे हैं। नियमानुसार एनपीसीएल ने बिल्डर को जो लोड स्वीकृत करा रखा है, उसके सापेक्ष ही फिक्स चार्ज उपभोक्ता से वसूला जाना चाहिए, लेकिन बिल्डर उपभोक्ताओं को दिए लोड के आधार पर फिक्स चार्ज वसूल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए उपभोक्ताओं से वसूले गए शुल्क, यूनिट व एनपीसीएल के भुगतान की गई राशि की जानकारी तक सार्वजनिक नहीं हो रही है। इसके अलावा नियमों को धता बताते हुए प्री पेड मीटर से मेंटेनेंस चार्ज की वसूली हो रही है।
एक लाख फ्लैट से करीब 45 करोड़ रुपये की सालाना हो रही वसूली
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक लाख से अधिक फ्लैट में काफी संख्या में लोग रह रहे हैं। यह सभी बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें एसी, कूलर से लेकर अन्य बिजली के कई उपकरण भी शामिल हैं। अगर प्रति फ्लैट पांच किलोवाट लोड भी मान लिया जाए तो 75 रुपये प्रति किलोवाट की दर से प्रति माह 3.75 करोड़ या सालाना 45 करोड़ रुपये की कमाई बिल्डर कर रहे हैं। जो एनपीसीएल को भुगतान के सापेक्ष काफी अधिक है।
निवासियों का दावा है कि प्री पेड व देय तिथि से पूर्व भुगतान पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. उपभोक्ताओं को छूट भी देता है, लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्री पेड मीटर उपभोक्ताओं को कोई छूट नहीं मिल रही, यह राशि भी सीधे बिल्डरों की जेब में जा रही है। यही नहीं आनलाइन भुगतान के नाम पर भी 25.30 रुपये प्रति उपभोक्ता वसूली हो रही है।
ग्रेटर नोएडा निवासी कृष्ण मोहन अग्रवाल का कहना है कि एनपीसीएल की साठगांठ से बिल्डर सोसायटी में रहने वाले उपभोक्ताओं को लूट रहे हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक लाख फ्लैट के सापेक्ष सालाना 65 करोड़ से अधिक की लूट की जा रही है। सीजीआरएफ में बिल्डर अपने प्रतिनिधि नहीं भेजते, उनकी पैरवी भी एनपीसीएल करती है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी सुमिल जलोटा ने कहा कि एनपीसीएल और बिल्डरों में मिलीभगत है। दोनों मिलकर उपभोक्ताओं का शोषण कर रहे हैं। बिल्डर लोगों को लूट रहे हैं और एनपीसीएल ने चुप्पी साध रखी है। बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई व उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के नियमों का पालन करना एनपीसीएल की जिम्मेदारी है।