मां को कांवड़ में बिठाकर 345 KM पदयात्रा कर बादलपुर पहुंचे दो भाई, दिल्ली से वृंदावन जाने वाली यात्रा में होंगे शामिल
बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के दो भक्त भाई अपनी मां को कांवड़ में बिठाकर दिल्ली से वृंदावन तक की पदयात्रा पर निकले हैं। वे 6 नवंबर को दिल्ली से शुरू होने वाली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल होंगे। 345 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके वे बादलपुर पहुंचे हैं। उनका उद्देश्य हिन्दू एकता और सनातन धर्म को मजबूत करना है।
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मां को कांवड़ में लेकर बदायुं से 345 किलोमीटर पदयात्रा तय करने वाले भाई धीरेंद्र और तेजपाल।
संवाद सहयोगी, दादरी। बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के अनुयाई दो भाई अपनी मां को कांवड़ में बिठाकर दिल्ली से वृंदावन पहुुंचेंगे। रविवार को तीनों बादलपुर पहुंचे। यहां से दिल्ली पहुंचकर छह नवंबर से निकलने वाली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल होंगे।
बदायुं जिले के बिशौली निवासी धीरेंद्र और तेजपाल सगे भाई हैं। धीरज ई-रिक्शा चलाता है और तेज पाल पिता की मौत के बाद से खेती संभालता है। मां राजेश्वरी धार्मिक प्रवृति की हैं। यही संस्कार दोनों बेटों में भी हैं। दोनों भाई बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के अनुयाई हैं।
धीरेन्द्र शास्त्री सात नवंबर को दिल्ली से वृंदावन के लिए सनातन धर्म को बचाने के लिए सनातन हिन्दू एकता पद यात्रा निकाल रहे हैं। इसी में शामिल होने के लिए दोनों भाई मां को कांवड़ में बिठाकर पदयात्रा करते हुए जा रहे हैं।
वह मां को लेकर 15 नवंबर को बदायूं से चले थे। 345 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर रविवार को बादलपुर पहुंचे। छह नवंबर को दिल्ली कत्यानी मंदिर जायेंगे। दर्शन के बाद सात नवंबर को पद यात्रा में शामिल होंगे। वृंदावन वन तक पैदल यात्रा करेंगे का उद्देश्य हिन्दू एकता व सनातन धर्म को मजबूत करना है।

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