मुबारक हो, शादी का कार्ड है.... नोएडा में साइबर ठगों ने शुरू किया नया खेल
नोएडा में साइबर ठग शादियों के मौसम में सक्रिय हैं। वे शादी के कार्ड के नाम पर एपीके फाइलें भेजकर लोगों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा अधिकारियों ने लोगों को अनजान नंबरों से आने वाली एपीके फाइलों को खोलने से बचने की सलाह दी है। एपीके फाइलें मोबाइल फोन को हैक कर निजी जानकारी चुरा सकती हैं।

नोएडा में साइबर ठग शादियों के मौसम में सक्रिय हैं।
मुनीश शर्मा, नोएडा। सावधान! शादी की पार्टी की खुशियाँ, शादी का कार्ड समझकर आपका बैंक खाता खाली कर सकती हैं। शादियों के मौसम में साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं। वे शादी के कार्ड की आड़ में एपीके फाइलें भेज रहे हैं। अगर लोग गलती से ये फाइलें खोल लेते हैं, तो वे उनके जाल में फंस रहे हैं।
साइबर ठग मोबाइल फोन हैक करके लोगों की निजी और बैंकिंग जानकारी इकट्ठा कर उन्हें ठग रहे हैं। साइबर सुरक्षा अधिकारी लोगों से धोखाधड़ी से बचने की अपील कर रहे हैं। वे जाने-पहचाने नंबरों से एपीके फाइलें खोलने और डिलीट करने से बचने की सलाह दे रहे हैं।
APK फाइल क्या है?
साइबर विशेषज्ञ समरपाल ने बताया कि APK एक फ़ाइल फ़ॉर्मेट है जिसका इस्तेमाल एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर मोबाइल ऐप्स इंस्टॉल करने और वितरित करने के लिए किया जाता है। इसमें ऐप इंस्टॉल करने के लिए ज़रूरी सभी फ़ाइलें, जैसे कोड, संसाधन आदि शामिल होते हैं। इसे एक ज़िप फ़ाइल के रूप में पैक किया जाता है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। वे APK फ़ाइलें भेजकर लोगों को ठगने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। जालसाज़ शादी के कार्ड या ट्रैफ़िक पुलिस चालान की APK फ़ाइलें भेजकर मोबाइल फ़ोन हैक कर लेते हैं। व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से प्राप्त APK, PIF, या VBS फ़ाइलें न खोलें। यदि अत्यंत आवश्यक हो, तो किसी परिचित या विश्वसनीय व्यक्ति से परामर्श के बाद ही APK फ़ाइल खोलें।
- शैव्या गोयल, एडीसीपी साइबर सुरक्षा।

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