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    श्रीराम मंदिर में चढ़ने वाले ध्वज का ग्रेटर नोएडा से भी जुड़ा है नाता, ललित मिश्रा और रविंद्र शर्मा देंगे योगदान

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 10:51 AM (IST)

    अयोध्या के श्रीराम मंदिर में लगने वाले ध्वज का ग्रेटर नोएडा से भी नाता है। इतिहासकार ललित मिश्रा, जो ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहते हैं, ने इस ध्वज को खोजा था। यह ध्वज 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फहराया जाएगा। ध्वज पर सूर्यवंश के प्रतीक के रूप में सूर्य का निशान भी है। रबूपुरा के पंडित रविंद्र शर्मा अनुष्ठान में योगदान दे रहे हैं।

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    अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर में श्रीराम जन्मभूमि की गर्भगृह के शिखर पर 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ध्वजारोहण करेंगे।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर में श्रीराम जन्मभूमि की गर्भगृह के शिखर पर 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ध्वजारोहण करेंगे। अहमदाबाद में बने झंडे का ग्रेटर नोएडा से भी नाता जुड़ा है। झंडे को खोजने वाले इतिहासकार मध्य प्रदेश के हरदुआ गांव निवासी ललित मिश्रा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की महागुन मायवुडस सोसायटी में रहते हैं। उन्होंने बताया कि मई 2023 में अयोध्या शोध संस्थान ने उन्हें यह काम दिया। ललित मिश्रा को यह झंडा तब मिला जब वे मेवाड़ की रामायण की एक पेंटिंग की स्टडी कर रहे थे, बाद में उन्होंने वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड में इसके जिक्र को पक्का किया।

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    उन्होंने बताया कि कोविदर वृक्ष को पहचानने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शुरू में वे इसे कचनार समझ बैठे क्योंकि उनके बायोलाजिकल नाम एक जैसे थे। बाद में उन्होंने संस्कृत व आयुर्वेदिक शोध के साथ बीएचयू के प्रोफेसर का भी सहयोग लिया। उन्होंने कहा कि झंडे की वापसी एक अहम पल है, जो आधुनिक भारत को उसकी समृद्ध विरासत से फिर से जोड़ता है।

    मिश्रा ने कहा कि महाभारत युद्ध के बाद अयोध्या के पुराने झंडे और उसके पवित्र वृक्ष की यादें खो गई थीं। फिर भी उन्हें खुशी है कि भूले हुए निशान को अब फिर से खोज लिया गया है और वापस ला दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम सूर्यवंश के थे। इसलिए हमने उसी झंडे पर सूरज का निशान भी लगाया। आज आप जो झंडा देख रहे हैं, उस पर कोविदार पेड़ और सूरज के निशान की छाप है।

    191 फीट ऊंचाई पर स्थापित होगा ध्वज

    ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए रबूपुरा के भाईपुर ब्रह्मनान निवासी वेद पंडित पुरस्कार विजेता आचार्य रविंद्र शर्मा को अनुष्ठान कराने के लिए निमंत्रण मिला था। उन्होंने अयोध्या पहुंचकर अन्य विद्वान पंडितों के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू करा दिया है। उन्होंने पुण्यावाचन अग्निस्थापन, गणेशाम्बिका पूजन देवस्थापन हवन पूजन मंदिर परिसर स्थापित विग्रह व पूजनप्रायश्चित पूजन कराया।

    वृंदावन के गुरुकुल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत पंडित रविंद्र शर्मा ने बताया कि अनुष्ठान अयोध्या राम मंदिर परिसर में 21 से 23 नवंबर तक चलेगा। अयोध्या, काशी, वृंदावन के प्रकांड विद्वान धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करा रहे हैं। राम मंदिर में पूजा-पाठ, ध्वजारोहण समारोह को लेकर यज्ञशाला में यज्ञ की आहुतियां डाली जा रही हैं। वेद की ऋचाओं का पारायण हो रहा है। वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस का पाठ भी हो रहा है।

    राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा सपत्नी राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान हैं। यहां नवग्रह पूजा के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुआ है। राम मंदिर के शिखर पर जिस ध्वजा का ध्वजारोहण होगा, वह खास है। यह ध्वजा मौसम की मार से प्रभावित नहीं होगी। 191 फीट की ऊंचाई पर ध्वज लहराएगा। ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा होगा।